फरीदाबाद। मलेरिया महामरी का रूप धारण कर चुका है। मच्छरों के काटने से अधिकतर लोग मलेरिया के शिकार होते हैं और अपनी जान भी गंवा बैठते हैं। इसका इलाज संभव है, लेकिन जागरुकता के अभाव और लापरवाही के चलते लोग नुकसान उठाते हैं। मलेरिया के प्रकोप से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। एशियन अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ प्रांजित भौमिक का कहना है कि मलेरिया के शुरूआती दौर में सर्दी-जुकाम या पेट की गड़बड़ी जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं, इसके कुछ समय बाद सिर, शरीर और जोड़ों में दर्द, ठंड लग कर बुख़ार आना, नब्ज़ तेज़ हो जाना, उबकाई, उल्टी या पतले दस्त होना इत्यादि होने लगता है। मलेरिया पीडि़त के शरीर में खून की कमी आ सकती है, लेकिन जब बुखार अचानक से बढ़ कर 3-4घंटे रहता है और अचानक उतर जाता है इसे मलेरिया की सबसे खतरनाक स्थिति माना जाता है। इसलिए इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच करानी चाहिए। मलेरिया का बुखार ज्यादातर बरसात के मौसम में हेाता हैं। मलेरिया एनाफलीज़ मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मलेरिया के कीटाणु फैलाने का काम करते हैं। मच्छर रोगाणु का एक वाहक है जो मच्छर के अंदर परजीवी की तरह फैलता है। जो मच्छर के काटने पर उसकी लार के माध्यम से मनुष्य के शरीर में पहुंचता है। इससे मलेरिया का संक्रमण फैलता है और इस संक्रमण को फैलने में ७ से ४० दिन लगते हैं।
मलेरिया होने पर क्या करें?
मलेरिया में तबियत बिगडऩे पर आप अपनी मर्जी से किसी भी प्रकार की दर्द निवारक दवा न लें। बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मलेरिया बुखार के गंभीर होने पर भी संतरे के जूस जैसे तरल पदार्थों का सेवन लगातार करते रहें।
शरीर का तापमान बढऩे और पसीना आने पर ठंडा टॉवल लपेट लें।
थोड़े समय के अंतराल के बाद माथे पर ठंडी पट्टियां रखते रहे।
दवाईयों के सेवन के बाद भी तेज बुखार हो रहा है, तो कोई लापरवाही न बरतें नहीं तो आप किसी घातक बीमारी का भी शिकार हो सकते है।
अपने घरों के आसपास पानी को इक्_ा न होने देें।
अगर आपकों लंबे समय तक बुखार आ रहा है तो तुरंत अपने रक्त की जांच कराएं।
बिना जांच कराए मलेरिया की दवा न लें।
मच्छरों से बचाव के लिए क्या करें?
मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग सबसे सस्ता और उत्तम साधन है। ठंड लगकर बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मलेरिया के लिए एक साधारण जांच होती है और यह एक इलाज वाली बीमारी है। अगर समय पर इसका इलाज हो जाए तो मलेरिया की जटिलता को कम किया जा सकता है।