फरीदाबाद। हार्डवेयर चौक पर बुधवार को की जाने वाली तोडफ़ोड़ मामले में क्षेत्रीय विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा द्वारा एसडीएम को धमकाना एवं स्वयं वहां पहुंचकर तोडफ़ोड़ की कार्यवाही रुकवाना दर्शाता है कि किस प्रकार से भाजपा भेदभाव की राजनीति कर रही है। उक्त बयान जारी करते हुए वरिष्ठ आप नेता धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि सैनिक कॉलोनी में तोडफ़ोड़ की गई तो विधायक जी ने कोई दखल देना जरूरी नहीं समझा, एन.एच.2 में गरीब लोगों को उजाड़ा जा रहा था तो वहां भी विपक्ष के नेताओं ने जाकर तोडफ़ोड़ की कार्यवाही को रुकवाया। वहां भी विधायिका नहीं पहुंची, उल्टा कुछ लोगों पर झूठे केस दर्ज करा दिए गए। यह दर्शाता है कि बहुत बड़ा घालमेल है, आज जब धनाढ्य लोगों की दुकानों को तोड़ा जा रहा है, तो विधायिका को क्या सूझा, जो निगम अधिकारियों को धमकाने पहुंच गई और तोडफ़ोड़ की कार्यवाही को रुकवा दिया। इससे साफ पता चलता है कि भाजपा अमीर लोगों के साथ है जबकि आम आदमी पार्टी गरीबों के साथ है। जिस प्रकार से भाजपा गरीबों का अनादर कर रही है, आने वाले समय में भाजपा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि विधायिका द्वारा कुछ खास लोगों के बचाव के लिए की जा रही कार्यवाही यह दर्शाता है कि दाल में कहीं काला है। अगर यह कदम विधायिका ने सैनिक कॉलोनी में उठाया होता और निगम अधिकारियों को रोका होता तो, सैंकड़ों लोग आज घर से बेघर नहीं होते। धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि कभी तो भाजपा नेता कहते हैं कि कोर्ट के आदेश हैं और वो कुछ नहीं कर सकते, मगर आज कोर्ट के आदेशों की अवहेलना क्यों। ज्ञातव्य है कि बुधवार को प्रवर्तन दस्ते ने हार्डवेयर चौक पर कई निर्माणों को तोडऩा शुरू कर दिया, तो सूचना पाकर पूर्व संसदीय सचिव और मौजूदा विधायक सीमा त्रिखा मौके पर पहुँच गईं। उन्होंने अवैध निर्माणों को तोड़ रहे नगर निगम के तोड़-फोड़ दस्ते और मौके पर मौजूद एसडीएम को बुरी तरह धमकाया। उन्होंने मौके से दस्ते तो तोडफ़ोड़ का काम पूरा किये बिना वापस लौटा दिया। गौरतलब है की आजादी के बाद रिहैबिलिटेशन डिपार्टमेंट ने हार्डवेयर कंपनी मालिक को जगह दी थी। पिछली सरकार में इस जगह को खरीदने और उसी दिन बेचने के बाद इसका मामला कोर्ट चल रहा था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सब डिवीजन और नक्शे को अवैध करार दे दिया। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद आज नगर निगम का दस्ता एसडीएम रीगन कुमार की मौजूदगी में भारी पुलिस बल साथ लेकर तोडफ़ोड़ करने पहुंचा था। लेकिन जैसी ही दस्ते ने तोडफ़ोड़ शुरू की तभी विधायक सीमा त्रिखा सक्रिय हो गईं और वहां पर तोडफ़ोड़ की कार्यवाही को रुकवा दिया।