फरीदाबाद। विभिन्न अस्पतालों मे इलाज करवाने के बाद आखिरकार इराक निवासी 39 वर्षीय यासिर अहमद हसन एशियन अस्पताल में पहुचे। अस्पताल में पहुचने से पूर्व उनका वजन 227 किलो और 100 से अधिक दुर्लभ बीएमआई थी।। बीएमआई बढ़ा होने के कारण यासिर को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। यासिर के परिजनों ने विभिन्न अस्पतालों से इलाज कराया, लेकिन समस्या ज्यों की तयों बनी रही। अंत में यासिर के परिजन यासिर को भारत लेकर आए। भारत के कुछ ही चुनिंदा अस्पतालों में ही दुर्लभ बीएमआई की वेट लॉस सर्जरी की जाती है। इसलिए यासिर को सेक्टर-21 ए फरीदाबाद स्थित एशियन अस्पताल में लेकर आए। अस्पताल में आने के बाद यासिर की विभिन्न जांच की गई। बीएमआई यानि बॉडी मास इंडेक्स जिसके माध्यम से व्यक्ति के वजन और लंबाई का आंकलन किया जाता है। युवक की समस्या करते हुए एशियन अस्पताल के डायरेक्टर जनरल सर्जरी डॉ. प्रबल रॉय ने यासिर को वजन कम करने की सर्जरी की सलाह दी। परिजनों की सहमति के बाद यासिर की लेप्रस्कॉपिक गैस्ट्रिक बायपास दवजन कम करने की ½ सर्जरी की गई। डॉ. प्रबल ने बताया कि सर्जरी के दौरान यासिर के लिए स्पेशल बेड का इस्तेमाल किया गया था,जो 240 किलोग्राम तक के व्यक्ति का वजन उठा सकता है। वेट लॉस की यह सर्जरी लेप्रोस्कॉपिक तकनीक द्वारा की जाती है, जिसमे आंत को छोटा करके उसका रास्ता बदल दिया जाता है। इस सर्जरी के कारण मरीज को भूख कम लगने के कारण व्यक्ति खाना कम खाता है। अगर आंतों में खाना पहुंचता भी है तो शरीर खाने को ग्रहण नहीं करता, जो वजन कम करने में सहायक होती है। डॉक्टर का कहना है कि मिनी गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी न केवल व्यक्ति के मोटापे को कम करती है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में भी कारगर साबित होती है। यह डायबिटीज, हाइपरटेंशन, अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाती है। इस सर्जरी के बाद मरीज को साधारण डाइट पर रखा जाता है। इसमें मरीज को ज्यादा परहेज नहीं करना होता। एशियन अस्पताल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. एन.के पांडे का कहना है कि इतनी ज्यादा बीएमआई वाले व्यक्ति पूरे फरीदाबाद में पहली बार गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी की गई है। आमतौर पर इस तरह के मरीजों की एक साल में दो स्तर पर सर्जरी की आवश्यकता होती है, पर इस मरीज की एक ही बार में सफल सर्जरी की गई है। मोटापा इंसान को निष्क्रिय बना देता है। इसलिए मैं हर व्यक्ति को नियमित रूप से व्यायाम करने और संतुलित आहार के सेवन की सलाह देता हूं, ताकि आप हर प्रकार की बीमारी से बचे रहें। एशियन अस्पताल में हर वर्ष देश-विदेश के 100 मरीजों की बेरिएट्रिक सर्जरी की जाती है। डॉ. प्रबल ने बताया कि वो कई सालों से लेटकर नहीं सोया था और न ही तीन सालों से पैरों पर चलकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर गया था। सर्जरी के बाद न केंवल लेटकर उसने अपनी नींद पूरी की, बल्कि अपने बेड से डॉक्टर के पास अपने पैरों से चलकर गया। इस दौरान उसकी और उसके परिवार की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था। कई सालों के बाद यासिर ने भरपूर नींद ली। लेटकर सोने से सांस लेने में तकलीफ होती थी और सासंस लेते समय कार्बन-डाई-ऑक्साइड वापस उसके शरीर में प्रवेश करती थी।सर्जरी के बाद यासिर को एक साल तक समय-समय पर अपनी नियमित जांच के लिए अस्पताल आना होगा और इस सर्जरी के बाद एक साल के भीतर 120 किलोग्राम तक वजन कम होने का अनुमान है। इस सर्जरी के दौरान डॉ. प्रबल रॉय के साथ पांच सदस्यी टीम जिसमें डॉ.अनुष्टुप डे, डॉ. सुनील कुमार, एनेस्थीसिया विभाग के हैड डॉ. दिवेश अरोड़ा और सीनियर डाइटीशियन डॉ शिल्पा ठाकुर भी मौजूद थीं।