फरीदाबाद/करनाल। करनाल में एक कार्यक्रम में प्रदेश के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने उद्योंगो के खस्ताहालत के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में उद्योग जगत की जो हालत कुछ वैसी ही है जैसे युद्ध में हार कर भागती हुई सेना पीने के पानी में ही ज़हर घोल देती है। जिससे बाद वालों के लिए भी कुछ न बचे। अधिकारियों के काम न करने की बात पर उद्योग मंत्री ने कहा कि अधिकारी वैसा ही काम करते हैं जैसा चुने हुए नेता चाहते हैं। अगर नेता सक्षम होगा तो अधिकारी काम जरूर करेंगे। एंटरपप्राइज प्रमोशन पॉलिसी 2015 की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा ने राज्य में एक नए औद्योगिक युग की शुरुआत की है , इस क्षेत्र में मजबूत वृद्धि हासिल करने की दिशा में नयी नीति बहुत ही मजबूत कदम है । उद्योग मंत्री ने हैपनिंग हरियाणा समिट का जिक्र करते हुए दुनिया भर के निवेशकों के हरियाणा में निवेश करने की बात भी दोहराई।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस सम्मिट के जरिये न सिर्फ भारत में , बल्कि दुनिया भर के निवेशकों में आर्थिक कौशल और राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को पेश करने में सफलता हासिल की है। हैपनिंग हरियाणा के दौरान करीब पांच लाख अस्सी हजार करोड़ रूपये के ३५९ रूह्र’ह्य साइन हुए , 12 देशों के तीन हज़ार से ज्यादा डेलीगेट्स राज्य के विकास में भागीदार बनने के लिए समारोह में शामिल हुए । उद्योग मंत्री ने निवेशकों को भी भरोसा दिलाया कि सरकार फैसिलिटेटर की तरह काम कर रही है, नियामक (रेगुलेटर) की तरह नहीं। विपुल गोयल ने कहा कि ना केवल इंजिनयरिंग में बल्कि फ़ूड प्रोसेसिंग में भी हम लगभग उतना ही बेहतर कर रहे हैं।, लोग कहते हैं हम धान का कटोरा हैं लेकिन मैं कहता हूँ कि हम सिर्फ धान का कटोरा नहीं हैं, हम अनाज का कटोरा हैं। चावल की केंद्रीय खरीद में हरियाणा की हिस्सेदारी भारत में नंबर १ है। केंद्रीय पूल में हमारी हिस्सेदारी करीब 37 है। जब हम बात करते हैं चावल उत्पादन की तब हम करनाल को कैसे भूल सकते हैं , क्योंकि यह देश में सबसे बड़ा अकेला बासमती निर्यातक जिला है जो दुनिया के नक्शे पर भी फेमस है। देश से होने वाले बासमती चावल के निर्यात का 60 अधिक हिस्सा अकेले हरियाणा से है। इसके अलावा, हम गेहूं उत्पादन करने वाले राज्यों में भी देश में सबसे आगे बने हुए हैं। पानीपत 2द्गद्यद्य -द्गह्यह्लड्डड्ढद्यद्बह्यद्धद्गस्र होम फर्निशिंग और हथकरघा क्षेत्र के साथ देश का “टेक्सटाइल हब ‘बनता जा रहा है। जिले में हथकरघा और बिजली करघे के माध्यम से तैयार कंबल, भारत के रक्षा क्षेत्र में भी अच्छी मात्रा में आपूर्ति किये जाते हैं । और टेक्सटाइल पार्क बनाने के लिए उन्होंने केंद्रीय कपडा मंत्री स्मृति ईरानी से भी बात की है। हरियाणा को कर्म की भूमि बताते हुये उन्होंने कहा कि और इसी भावना के साथ हमारी सरकार आने वाले दिनों में मजबूत औद्योगिक विकास दर हासिल करने के लिये प्रतिबद्ध है । सरकार कारोबार को आसान बनाने, बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने आदि के लिए निरंतर कोशिश कर रही है ।