फरीदाबाद। देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ व सशक्त बनाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत संबंधित व सक्षम अधिकारियों में वित्त अनुशासन एवं स्पर्धा की भावना को बरकरार रखना अत्यंत आवश्यक है। यह उद्गार केंद्रीय वित्त मंत्री भारत सरकार अरूण जेटली ने यहां स्थानीय सैक्टर-48 स्थित राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान परिसर में आयोजित प्रशिक्षु वित्त अधिकारियों के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को बतौर मुयातिथि संबंधित करते हुए प्रकट किए। उन्होंने दीपशिखा प्रज्जवलित करके समारोह का शुभारंभ किया। श्री जेटली ने यहां पर स्थापित की गई आचार्य चाणक्य मुनि की प्रतिमा का अनावरण भी किया। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत वित्त प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त कुल 181 प्रशिक्षु वित्त अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र व मैडल भेंट किए। श्री जेटली ने कहा कि आज का युग वित्त स्पर्धा का युग है। इसके अंतर्गत निजी क्षेत्र ने भी काफी तरक्की की है और आधुनिक तकनीकीपूर्ण सुविधाओं का प्रयोग करके अपनी अलग पहचान बनाई है। इसी प्रकार सरकारी क्षेत्र में भी वित्त अधिकारियों को श्रेष्ठ संसाधन जुटाए जाने जरूरी है ताकि वे भी इसे चुनौती स्वरूप लेकर उनसे स्पर्धा करने में कामयाब हो सके। श्री जेटली ने इस संस्थान परिसर में एक आधुनिक स्तर का आडिटोरियम बनवाने के संबंध में उच्च अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां शुरू करने बारे निर्देश दिए। श्री जेटली ने कहा कि प्रशिक्षुओं के लिए दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण चरण होता है। इसके फलस्वरूप वे स्वयं को अपने क्षेत्र में और अधिक सक्षम व पारंगत महसूस करते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त वित्त अधिकारियों के नव बौद्धिक कौशल के फलस्वरूप देश की अर्थ व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। संस्थान के निदेशक हर्ष कुमार ने समारोह में लोगों को वित्त मंत्री श्री जेटली के जीवन परिचय बारे अवगत करवाते हुए उनका स्वागत व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्री जेटली अपने कालेज के समय से ही देश की राजनीति में सक्रिय थे और आज वे अपने उच्च विधिक ज्ञान, अनुभव व कौशल के बल पर देश की वित्त व्यवस्था को नई उंचाईयां प्रदान कर रहे हैं। वित्त सचिव श्री अशोक लवासा ने दीक्षांत समारोह की आवश्यक प्रक्रिया की शुरूआत की। परीक्षा नियंत्रक जया भल्ला ने दीक्षांत प्रक्रिया का संचालन किया। इस अवसर पर बल्लभगढ़ के एसडीएम पार्थ गुप्ता, नगर निगम के संयुक्तायुक्त बी.एस. कालीरमण, एसीपी आस्था मोदी व एसीपी पूर्ण चंद पंवार सहित एनआईएफएम संस्थान के अनेक संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।