फरीदाबाद! फरीदाबाद के उद्योगों पर एक ऐसी विपत्ती मंडरा रही है, जिसके लिए यहां के उद्योग किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नही है। हम सभी जानते है कि एन.जी.टी. द्वारा एन.सी.आर. में 1 अक्टूबर से डीजल जेनसेट को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पता हो कि डीजल जेनरेटर सेट उद्योग के अंदर बांधित बिजली आपूर्ती की भरपाई करता है। कोई भी उद्यमी डीजल जेनरेटर सेट पर फैक्टरी नही चला सकता, क्योंकि हमारे यहां बिजली वितरण विभाग की इन्फ्रास्टचर में जो कि सड़क के उपर से चल रहा है, मे एक डर का सा महौल बना रहता है। जरा सी तेज हवा चलते ही सबसे पहले बिजली काट दी जाती है। यदि उद्योगों को बिजली की आपूर्ती सही ढंग से मिले तो जेनसेट चलाने की कोई आवश्यकता नही है। हाल-फिलहाल मे फरीदाबाद चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज की कोर ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें इस समस्या पर गंभीरता से विचार किया गया और सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि हम लोग दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम से यह आश्वासन लें कि हमें सातों दिन चौबीस घंटे बिजली की आपूर्ती की जायेगी। इसी निमित फरीदाबाद चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज का एक प्रतिनिधी मंडल पैनल चैयरमैन श्रीराम अग्रवाल के नेतृत्व में सुपरिटेंडिग इंजीनीयर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम नरेश कुमार कक्कड से उनके सैक्टर 23 स्थित कार्यालय में मिला तथा उन्हे एक ज्ञापन देकर मांग की कि जिस तरह दिल्ली में तथा नोयडा में चौबीस घंटे सातो दिन बिजली की आपूर्ती होती है हमें भी आप बिजली की आपूर्ती कराने कि व्यवस्था करें। हमने उनको बताया कि फरीदाबाद की अधिकांश इंडस्ट्रीज में लगातार उत्पादन की प्रक्रिया चलती है जिसके कारण यदि एक मिनट भी बिजली कटती है और तुरंत पावर बैकअप न दिया जाये तो पूरा बैच खराब हो जाता है। इसमें रकम का नुकसान, उत्पाद का नुकसान, श्रम का नुकसान एवं बिजली का नुकसान कुल मिलाकर कहा जाये तो ऐसे में उद्योग चल ही नही सकते, चाहे वो प्लास्टिक इंडस्ट्रीज हो, रबर इंडस्ट्रीज हो, कैमिकल इंडस्ट्रीज हो। बिजली से चलने वाली कोई भी इंडस्ट्रीज बिजली के कटने से जीवित नही रह सकती। जहां तक जेनसेट में पी.एनजी. से चलाने की बात है या पी.एन.जी. का जेनरेटर खरदने की बात है अभी ध्यान में आया है कि बहुत से स्थानों पर पी.एन.जी. की लाईन ही नही है तथा जेनसेट को पी.एन.जी में कन्वर्ट करने के लिए भी बहुत महगें और सीमित साधन है और अभी इसकी सफलता में भी संशय बना हुआ है। सुपरिटेंडिग इंजीनीयर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम श्री नरेश कुमार कक्कड जी़ ने कहा कि फरीदाबाद में जेनसेट का इस्तेमाल आपातकालीन स्थिति में होता है, मैं नही समझता कि इसके कारण कोई प्रदूषण होता है। आज प्रदूषण का मुख्य कारण हमारी सड़को के किनारे लगे मिट्टी के ढेर है फिर भी यदि एन.जी.टी. नही मानती तो आपको अपनी बात रखनी होगी। उन्होने कहा कि मैं सातो दिन चौबीसो घंटे का आश्वास आपको कैसे दे सकता हुं। हमने यह सोचा था कि मई माह में जो बिजली की खपत हो रही है वह सितम्बर में कम हो जाएगी किन्तु मई माह में भी 2 करोड़ 30 लाख यूनिट की खपत थी जो की आज भी बरकरार है हमें भी इन्फ्रास्टचर का मेंटेनेंस करना है जो कि अब हम अक्टूबर में करने की सोच रहे है। उन्होने आश्वासन दिया कि बीच में यदि कोई फयूज कट जाता है तो दिन में 12.30 से 1.00 तथा शाम को 05.00 से 06.00 के बीच में जोड़ेगे तथा रविवार को मेंटेनेंस करने का प्रयास करेंगें। इसलिए यहां के उद्योगों कि कर्वध प्रार्थना है कि इस तरह के कानून को लागू करने के बजाय बिजली की आपूर्ती पर ध्यान देना चाहिए।