फरीदाबाद। ई-वे बिल जो अप्रैल से लागू होने जा रहा है, एक देश एक राज्य की भावना का प्रतीक है। इससे पूर्व यदि आपने फरीदाबाद से चेन्नई माल भेजना होता था तो जगह-जगह राज्य बार्डर पर चैकिंग होती थी व कई औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थी परंतु ई-वे बिल यदि एक बार ५० किलोमीटर के दायरे में चैक हो गया तो फिर चेन्नई तक माल ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। डिप्टी एक्साईज एंड टैक्सेशन कमिश्रर दीपिका चौधरी ने यहां पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स, फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित ई-वे बिल इम्पलीमैन्टेशन एंड इश्यू विषय पर आयोजित एक सेमिनार में बोलते हुए आगे कहा कि ५० हजार रूपये से ऊपर की प्रत्येक डिलीवरी के लिये ई-वे बिल आवश्यक होगा। आपने स्पष्ट किया कि यह ५० हजार की राशि सभी प्रकार की जीएसटी को मिलाकर मानी जाएगी और चैप्टर ७१ के अंतर्गत भेजे गये माल पर ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी। ईटीओ श्री सेठी ने अपने संबोधन में ई-वे बिल को उद्योग, व्यापार व ट्रांसपोर्ट को लाभदायक करार देते हुए कहा कि यह एक पेपर लैस एवं सरल प्रक्रिया है, इसे समझने में प्रारंभ में थोड़ी कठिनाई हो सकती है। तदोपरांत इसमें कम मेहनत और लाभ अधिक होगा। जहां नेट की सुविधा उपलब्ध न हो वहां ऐप डाऊनलोड कर ई-वे बिल जारी किया जा सकता है। आपने कहा कि इस प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। आवश्यकता केवल प्रक्रिया समझने मात्र की है। पीएचडी प्रतिनिधि अनिल शर्मा ने बताया कि माल अपनी ट्रांसपोर्ट, पब्लिक ट्रांसपोर्ट एवं रेल द्वारा भी भेजा जा सकता है। रेलवे द्वारा माल भेजते समय ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं है परंतु जब रेलवे ने डिलीवरी लेनी होगी तो वहां ई-वे बिल देना होगा। ई-वे बिल से राहदारी टैक्स समाप्त हो जाएगा। डाक्यूमैंट कम होंगे केवल नम्बर याद रखना होगा।
पीएचडी के दूसरे प्रतिनिधि श्री सूद ने कहा कि जब पहले बिल्टी बनती थी, सभी राज्यों के अपने-अपने फार्म होते थे, बहती बनानी पड़ती थी परंतु अब इन सभी झंझटों से छुटकारा मिल जाएगा। प्रक्रिया इलैक्ट्रोनिक होने के कारण सुविधा हो जाएगी, आवश्यकता केवल माईण्ड सैट बदलने की है। आपने कहा कि ट्रांसपोर्टर विश्वास वाला और रजिस्टर्ड होना चाहिए। सर्वश्री अनिल शर्मा व अनिल सूद ने उपस्थितजनों के प्रश्रों के उत्तर विस्तार सहित एवं तर्कसंगत ढंग से दिए। इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उपस्थिति के सामने हाल भी छोटा पड़ गया। प्रत्येक उपस्थित उद्योग प्रतिनिधि ई-वे बिल के संबंध में अधिकाधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था।जीएसटी पैनल के चेयरमैन श्री भाटिया ने उपस्थितजनों का स्वागत करते कहा कि ई-वे बिल से डरने या परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह इतनी जटिल प्रक्रिया नहीं है जितनी प्रचारित की जा रही है बल्कि यदि यह कहा जाए कि कतई जटिल नहीं है तो गलत नहीं होगा। आपने कहा कि जिस प्रकार पहले आरंभ में सेल्ज टैक्स से उपभोक्ता डरते थेे, फिर वैट से डरने लगे, जीएसटी का बड़ा आतंक था परंतु अब कोई परेशानी नहीं है। इसी प्रकार ई-वे बिल आरंभ होने के कुछ ही दिनों में यह एक सामान्य प्रक्रिया बन जाएगी। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक कर्नल शैलेन्द्र कपूर का कहना है कि एसोसिएशन का उद्देश्य सदैव सदस्यों को नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराना रहता है और यह कार्यक्रम इसी भावना के अंतर्गत आयोजित किया गया था। भारी उपस्थिति से गद्गद् कर्नल शैलेन्द्र कपूर का कहना था कि सदस्यों की समस्याओं का समाधान कराना एसोसिएशन का प्रथम प्रयास रहा है और भविष्य में भी रहेगा।