ग्रेटर नोएडा। उत्पाद व सेवा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत को लीडर बनने के लिए कुशल पेशेवरों की जरूरत होगी। इनके जरिये ही विदेशी बाजारों में भारतीय हिस्सेदारी को मजबूत किया जा सकता है। 2022 तक भारत को करीब चालीस करोड़ कुशल पेशेवर लोगों की जरूर होगी। इन्हें कौशल विकास मिशन के तहत तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को यह बात ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में वैश्विक सेवा प्रदर्शनी के दूसरे संस्करण के उद्घाटन समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। इसके विकास से लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। आने वाले दो दशक के दौरान भारत में सेवा क्षेत्र का लाभ लेने वाले लोगों की संख्या में कई गुणा बढ़ोतरी होगी। आइटी, मेडिकल व सर्विसेज के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। इन सेक्टरों में और रिसर्च की जरूरत है। कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि पर्यटन में सेवा क्षेत्र की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया, सीआइआइ अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स आदि मौजूद रहे।
उप्र से ही खुलेगा देश के विकास का रास्ता
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। मेक इन इंडिया के लिए मेक इन उत्तर प्रदेश जरूरी है। यहीं से देश के विकास का रास्ता खुलेगा। मैं मुंबई का रहने वाला हूं। मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। इसे आर्थिक राजधानी बनाने में उत्तर प्रदेश के लोगों का बहुत बड़ा योगदान है।
भारत आउट सोर्स का डेस्टीनेशन
केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिक मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि विश्व के लिए भारत आउट सोर्स का डेस्टीनेशन बन गया है। करीब चालीस करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। एक बिलियन लोगों के पास अपनी डिजिटल पहचान है। पंचायतों को भी डिजिटल इंडिया से जोड़ा जा रहा है।
असीम संभावनाएं
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डब्ल्यूटीओ ने सेवा क्षेत्र में काफी बढ़ोतरी की है। शिक्षा, पर्यटन, चिकित्सा, हॉस्पिटेलिटी, इंडस्ट्री, मनोरंजन, आइटी में सेवा क्षेत्र के लिए असीम संभावनाएं हैं। यह क्षेत्र रोजगार के लिए सबसे बड़ा क्षेत्र होगा। जीडीपी का पचास फीसद हिस्सा सेवा क्षेत्र का है।