फरीदाबाद। जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने दो बहनों को बालिका वधू होने से बचा लिया। उनके द्वारा मथुरा जाकर बल्लभगढ़ की रहने वाली दोनों नाबालिक किशोरियों के विवाह को रूकवा दिया गया। साथ ही किशोरियों के परिजनों ने लिखित तौर पर वायदा किया है कि वह 18 वर्ष से पूर्व उनकी शादी नही करेगे। इस सर्दभ में हेमा कौशिक ने बताया कि उनकी टीम पंडितों व ज्योतिषियों के संपर्क में रहती है ताकि यदि कोई व्यक्ति नाबालिक विवाह के लिए मूर्हुत निकलवाता है तो इस बात की सूचना उन्हे मिल जाती है। परन्तु अक्षय तृतीय स्वंय में सर्वसिद्ध मूहुर्त होता है इसलिए किसी भी व्यक्ति को शुभ मुहूर्त के लिए कही भी जाने की जरूरत नही पडती है। इसलिए अक्षय तृतीय के अवसर पर नाबालिक विवाह की अधिकतम संभावनाए बनी रहती है। हेमा कौशिक ने बताया कि अक्षय तृतीय में विवाह को लेकर उनकी टीम पूरी तरह से सक्रिय थी। बल्लभगढ की रहने वाले एक परिवार ने अपनी दो नाबालिक बेटियों का विवाह मथुरा में तय किया हुआ था। उन्हे अंदेशा था कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को इस बाबत सूचना मिल गई तो यह विवाह नही हो पायेगा इसलिए उन्होने अपने मथुरा में रहने वाले रिश्तेदार के यहा से शादी करने की बात सोची। इसलिए वह अपनी नाबालिक बेटियों को उनके मामा के पास मथुरा ले गया। इस बात की सूचना हेमा कौशिक को मिल गई और उनके द्वारा मथुरा पुलिस से सम्पर्क साध शादी रूकवा दी।