नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में इस वर्ष हिंदू सेना की छात्र इकाई हिंदू विद्यार्थी सेना भी छात्रसंघ चुनाव में अपना प्रतिनिधि उतारेगी। उसने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ छात्रसंघ चुनाव में कोई गठबंधन करेगी। हिदू सेना इस चुनाव में छात्रों के बीच जाकर मदद मांगेगी।
ज्ञात हो कि जेएनयू में 9 फरवरी को हुई राष्ट्रविरोधी घटना के बाद से कैंपस में राजनीतिक माहौल गरम है। किसी न किसी स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दे पर लगातार बहस और प्रदर्शन का दौर विगत कई महीने से चल रहा है। ज्ञात हो कि वामपंथी छात्र संगठन छात्र संगठन आपस में मिलकर छात्रसंघ का चुनाव लड़ चुके हैं।
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता का कहना है कि कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है केवल भारत माता की जय कहने से नहीं होगा बल्कि राम को भी छात्रों के बीच स्थापित करना होगा। एबीवीपी अपने मुद्दों से भटक गई है इसलिए छात्रों के बीच उनका विरोध हो रहा है। हमने रामनवमी को कैंपस में शुद्धिकरण अभियान चलाया था हमारा किसी ने विरोध नहीं किया।
विष्णु गुप्ता का कहना है कि जेएनयू में हमारी छात्र विंग तीन साल पहले से है। हमारा एक काउंसलर अर्नब चक्रवर्ती भी जीता है। हम इस बार छात्र संघ चुनाव में चारो पदों पर हिदू विद्यार्थी सेना के उम्मीदवार उतारेंगे। हम शिवसेना के नेताओं से संपर्क में हैं और उनसे मिलकर आगे की रणनीति बनाएंगे।
जेएनयू छात्रसंघ में एबीवीपी के पदाधिकारी सौरभ कुमार शर्मा का कहना है कि चुनाव देश के नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है। कोई भी जो जेएनयू का छात्र है, वह यहां पर होने वाले छात्रसंघ चुनाव में हिस्सा ले सकता है।