फरीदाबाद । लिंग्याज विद्यापीठ में 7वां वार्षिक दीक्षांत समारोह मंगलवार 6 नवम्बर को अयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूवात मां सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित द्वारा की गई। साथ ही प्रो. जी.वी.के. सिन्हा के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनका स्मरण किया गया। कान्वकेशन के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) फुरकॉन कॉमर, सेकरेटरी जर्नल, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी थे तथा कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ सुब्रह्मण्यम बासुदेवन, सीनियर साइंस्टि एवं प्रोफेसर, सेंट्रेल इलेक्ट्रोरकैमिकल रिसर्च स्टीयूट, सीएसआईआर, इंडिया थे। दीक्षांत समारोह में कुलपतिडॉ डी.एन. राव (कुलपति) ने विद्यापीठ की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही उन्होंने विद्यापीठ में हुई नवीनीकरण के संदर्भ में पाठ्यक्रम, लैबोरिट्रिज, कम्प्यूटर लैब, इलेक्ट्रोनिक आधुनिकीकरण तथा अन्य क्षेत्रों में हुए रचानात्मक कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ में करीब 3500 विद्यार्थियों मेें से लगभग 15 प्रतिशत छात्राएं हैं, जिन्होंने इस वर्ष विद्यापीठ में अपना प्रवेश करवाया है। साथ ही उन्होंने विद्यापीठ में हुई 78 प्रतिशत प्लेसमेंट रिकार्ड पर जोर दिया जोकि उद्योग में एक महत्वपूर्ण रिकार्ड है। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ के होनहार एवं मनोहर विद्यार्थी आज टीसीएस आईबीएम व सर्वश्रेष्ठ आईटी कम्पनी में कार्यरत हैं। इस वर्ष विद्यापीठ की प्रतिष्ठित फैकल्टियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं तथा डॉ. राव ने बताया कि विद्यापीठ के विद्यार्थी पूरे भारत वर्ष में अच्छी-अच्छी कम्पनियों व अन्य विभागों में नौकरियां कर रहे हैं। जो आज यहां आकर काफी खुश नजर आ रहें हैं। उप कुलाधिपति प्रो. (डॉ) आर.के. चौहान ने सभी विद्यार्थियों को बधाईयां दी और कहा कि विद्यार्थी आगे भी इसी प्रकार से कड़ी मेहनत करते रहेंगे तो एक दिन ऐसा आयेगा कि सफलता इनके कदम चूमेंगी और आपको तरक्की की ओर बढने से कोई भी नहीं रोक पायेगा। प्रो. (डॉ.) आर.के. चौहान ने यह बताया कि विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने कड़ी मेहनत कर सफलता हासिल की है जिसकी बदौलत आज विद्यार्थी इंफोसिस, कॉग्निजेंट, आईबीएन, टेक महिन्द्रा तथा टीसीएम आदि कम्पनियों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं, जिससे हमें बहुत गर्व है।समारोह के अन्तर्गत मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ) फुरकॉन कॉमर ने कहा कि विद्यार्थी का जीवन केवल डिग्री लेना ही नहीं बल्कि हमें अपने जीवन के हर क्षेत्र में खरा उतरना है। साथ ही उन्होने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थी ही देश के भविष्य जिसके बल पर देश आगे बढ़ता है। कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ सुब्रह्मण्यम वासुदेवन ने विद्यार्थियों को अपनी अनुसंधान उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को भी नयी-नयी तकनीकियों की खोज करते रहना चाहिए और अपनी शैक्षिक उपलब्धियों को सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग में लाना चाहिए। मंच पर विभिन्न गणमान्य विद्वानों ने छात्रों से देश और समाज के हित में कार्य करने की अपील की। इस दौरान विभिन्न विभागों के टॉपर को स्वर्ण पदक व नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस वर्ष कुल 563 छात्रों और विद्वान स्नातकों ने डिग्री व डिप्लोमा लिया, जिसमें 159 बी.टेक व एम.टेक, इन्टीग्रेटेड, 34 आक्टिेचर, 65 कॉर्मस एण्ड मैनेजमेंट, वाणिज्य एवं प्रबंधन, 40 शिक्षा, 29 डिप्लोमा (इंजिनियरिंग डिप्लोमा), 17 कम्प्यूटर ऑपलिकेशन, 22 कला स्नातक, 42 विज्ञान स्नातक, 18 पीएचडी, 47 फार्मेसी डिप्लोमा, 56 एमबीए इनलेड, 9 पीजीडीएम इनलेड, 13 एनआईएलए व 12 मास्टर ऑफ साइंस व एमबीए थे। दीक्षांत समारोह की अकादमिक मार्च की पूर्ण अध्यक्षिता विद्यापीठ की रजिस्ट्रार सीमा बुशरा द्वारा की गई। अंत में डीन ऑफ एकडीमिक्स, डॉ. पेमिला चावला ने वोट ऑफ थैंक्स प्रस्तुत करते हुए दीक्षांत समारोह में उपस्थित चिफ गेस्ट व गेस्ट ऑफ ऑनर का सम्मान किया तथा साथ ही उन्होंने विद्यापीठ प्रबंधन समिति समेत सभी डीन, विभागाध्यक्ष, फैक्लिटी मेम्बरस, कर्मचारियों, प्रेस व मीडिया मेम्बरस, अभिभावकों एवं विद्यार्थियो का धन्यवाद प्रकट किया।