फरीदाबाद। पूर्व बिजली मंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने कांग्रेसी नेता कैप्टन अजय यादव के पार्टी छोडऩे के मुद्दे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कैप्टन अजय यादव कांग्रेस परिवार के मजबूत आदमी हैं, मेरे जैसे आदमी को उनका जाना पीड़ादायक तो लगेगा ही। उन्होंने पार्टी प्रभारी एवं सांसद कमलनाथ से अपील की है कि अगर कांग्रेसी नेता कैप्टन अजय यादव के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है तो पार्टी प्लेटफार्म पर सभी वरिष्ठ नेताओं को एक साथ बिठाकर इस मामले का निराकरण करना चाहिए। उन्होंने कैप्टन अजय यादव को भी सलाह दी कि वो धैर्यपूर्वक और संयम से काम लें। कांग्रेस एक विचारधारा है, इसमें मत अलग-अलग हो सकते हैं और पार्टी प्लेटफार्म पर रखकर ही बात करें। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक दल के नेता तथा अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी सभी को एक मत होकर पार्टी हित में पार्टी विचारधारा पर काम करना चाहिए और एक-दूसरे की गरिमाओं का हम सबको आपस में सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में वह पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष एवं विपक्ष की नेता से भी बात करेंगे और मामले के निपटारे के लिए कैप्टन अजय से भी बात करेंगे तथा प्रदेश प्रभारी कमलनाथ जी से भी मिलेंगे। कार्यक्रमों में होने वाली गुटबाजी के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वैसे तो कोई घोषित गुट नहीं है, मगर अपरोक्ष रूप से जो हो रहा है यह भी उचित नहीं है। कार्यक्रम पार्टी समन्वय से होने चाहिए और मुझे लगता है कि कमलनाथ जी बड़े सुलझे नेता हैं और उनके प्रभारी रहते हुए यह आगे नहीं होगा ऐसा उनका विश्वास है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, उनका भी सहयोग पार्टी को मजबूत करने के लिए लेना चाहिए। पत्रकारों द्वारा किए गए सवाल कि कैप्टन अजय यादव इस बात से नाराज हैं कि उनको वरिष्ठता के आधार पर बैठक में नहीं बुलाया, जबकि आप तो उनसे भी वरिष्ठ हैं, आपको भी बैठक में नहीं बुलाया गया के सवाल पर महेन्द्र प्रताप ने कहा कि यह बात पार्टी प्रभारी तय करेंगे कि कमेटी में किसको रखना है। वो इस बात को ज्यादा तूल नहीं देते, वरिष्ठता तो जनता अपने आप तय करती है और कैप्टन को भी इसको दिल से नहीं लगाना चाहिए। हो सकता है कि प्रदेश प्रभारी ने उनके लिए और भी बेहतर जगह निश्चित की हुई हो। पूर्व मुख्यमंत्रियों से आपकी भी नहीं बनी है के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ छोटी-मोटी बातें हो सकती हैं, कोई विशेष बात इसमें कभी नहीं रही। उन्होंने बंसीलाल, भजनलाल व भूपेन्द्र हुड्डा के साथ काम किया है, कभी कोई बात रही भी है तो उन्होंने पार्टी प्लेटफार्म पर बात रखी है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं अध्यक्षों की गरिमाओं का हमेशा ध्यान रखा है और पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं अध्यक्षों ने उनकी गरिमा का ध्यान रखा है। गौरतलब है कि चौ. महेन्द्र प्रताप सिंह 1982 से विधायक रहे हैं और 5 बार विधायक व दो बार कैबिनेट मंत्री और एक बार विधायक दल के नेता भी रहे हैं।