फ़रीदाबाद /-सम्पूर्ण देश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. हरियाणा मे भी यह गूंज अपनी चरम पर है. प्रदेश के फ़रीदाबाद लोकसभा सीट को हमेशा से विशेष महत्व दिया जाता रहा है. इस लोकसभा सीट पर लोग अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर लोगो के मध्य अपनी पहचान बनाने के लिए एड़ीचोटी का ज़ोर लगाने से भी गुरेज नहीं बरतते.. इस कड़ी मे फ़रीदाबाद से बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा उम्मीदवार मनधिर सिंह मान ने अपना प्रचार एक प्रोग्राम के माध्यम से शुरू कर एक तरफा जीत का दावा कर दिया . अब प्रश्न यह है कि क्या मनधिर सिंह मान फ़रीदाबाद सीट से जीत का परचम फरहा पायागे क्योकि उनकी टक्कर सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से होगी जिनका वज़ूद यहा बहुजन समाज पार्टी से बेहतरीन है.. इसमे एक बात और अहम है कि अभी तक बसपा पार्टी हरियाणा मे जि्तने भी चुनाव हुए हैं उसमे ऐसा कोई भी चमत्कार नहीं कर पाई है जो किसी भी उम्मीदवार को एक तरफा जीत दिलवा सके.. ऐसे में फ़रीदाबाद लोकसभा सीट से जीत का दावा उतना दमदार नज़र नहीं आता जितना उम्मीदवार कर रहे हैं. एक बात और गोर करने वाली है कि बसपा पार्टी का एक निशचित वोट बैंक रहता है पर जीत के लिए वह काफी नहीं होगा. इसमे एक सच्चाई और भी हैं की इस वोट बैंक पर सीदे तोर पर काँग्रेस पार्टी भी सेंध लगाएगी क्योकि बहुत समय से निशित वोट बैंक का कुछ प्रतिशत यहा भी जाता रहा है. बाकी जातिए समीकरण की बात की जाए तो बसपा उम्मीदवार जाट समुदाय से ताल्लुकात रखते हैं और उसका भी कुछ वोट उनके पक्ष मे जा सकता पर पर जिस तरहा से हरियाणा मे बसपा ने दूसरी पार्टी से गड़बन्धन कर रखा है जो मुख्य तोर पर जाट विरोधी मानी जाती है तालमेल वो उन्हे जाट वोट का नुकसान जरूर दे कर जायगा. बाकी मुस्लिम समुदाय कांग्रेस पार्टी को ज्यादा पसंद करती हैं.. और अगर बाकी और बातो पर गोर किया जाए तो इस वक़्त देश मे मोदी लहर भी अभी तक बनी हुई है जो सभी उम्मीदवारो का वोट प्रतिशत नुकशन जरूर करेगी. हालाकि इस सीट से वर्तमान सांसद का पुरज़ोर विरोध किया जा रहा है परन्तु जानकार यह भी कह रहे हैं कि जीत के लिए कमल पार्टी उम्मीदवार मे परिवर्तन भी कर सकती है. अगर परिवर्तन हुआ तो फिर यह दाव भारी ना पड़ जाए.. साथ ही यदि कांग्रेस पार्टी उन लोगो को यहा से चुनाव लड़वाती है जो अनुभव मे किसी से कमतर नहीं है और काफी बार यहा से सांसद रह चुके हैं वह भी जीत के दावे पर् भारी ही पड़ेगा… एक और विशेष बात यह है कि अक्सर मतदाता केन्द्र मे आने वाली पार्टी के उम्मीदवार को जितना चाहता है ताकि उसे विकास के लिए कही भी धक्के नहीं खाने पड़े… ऐसे में बसपा पार्टी के उम्मीदवार का एक तरफा जीत का दावा बेईमानी साबित होता है. बाकी जनता तय करेगी कि जीत का परचम कोन फहराएगा.
![चुनावी समीक्षा(बसपा उम्मीदवार ने किया जीत का दावा )](https://standardnews.in/wp-content/uploads/2019/04/IMG_20190404_125801.jpg)