फरीदाबाद । फरीदाबाद नगर निगम के प्लानिंग विभाग के उन अधिकारियो के खिलाफ अब अलग-अलग एफ आई आर दर्ज होगी जिन अधिकारियों ने अपने निजि फायदे के लिए गोलमाल कर लोागों से बसूली जाने वाली कम्पोजिशन फीस, सीएलयू चार्ज, सबडिविजन चार्ज, कंर्वजन चार्ज, ईडीसी चार्ज के साथ बाद में एफ ए आर खरीदने वाले लोगों से निगम खाते में कम फीस जमा कराई है। निगमायुक्त मोहम्म्द साईन ने इन सभी मामलों की 20-20 फाईलों की जांच चंडीगढ सेक्टर 17 स्थित भारतीय लोकलेखा परीक्षक संस्थान को भेज उनकी जांच कराने के आदेश दिए हैं। निगमायुक्त ने इन फाईलों की जांच के दौरान यह भी साफ करने को कहा कि सबंधित फाईल में कौन सा अधिकारी दोषी है।उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त को प्लानिंग विभाग को लेकर पिछले काफी समय से शिकायतें मिल रहीं थीं, जिस पर गत सोमवार को निगमायुक्त मोहम्मद साईन के निर्देश पर ओल्ड फरीदाबाद के संयुक्त आयुक्त आशुतोष राजन ने विभाग में छापा मारा था तथा यहां पर भारी अनियमित्ताएं मिली थीं, जिस पर निगमायुक्त ने संज्ञान लेते हुए पूरे विभाग में आमूलचूल परिर्वतन कर दिया था तथा लगभग सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के इस विभाग से तबादले आदेश जारी किए गए थे।इन आदेशों में निगम के ई ओ रतन लाल रोहिल्ला को विभाग को ओ एस डी नियुक्त किया गया था।निगमायुक्त ने रतन लाल रोहिल्ला को निेर्देश दिए हैँ कि कम्पोजिशन फीस, सीएलयू चार्ज, सबडिविजन चार्ज, कंर्वजन चार्ज, ईडीसी चार्ज तथा एफ ए आर खरीदने सबंधित 20-20 ऐसी फाईलों की वह पहचान करें जिनमें यह शिकायतें हैं कि अधिकारियों ने नियमों की अवहेलना करके कम शुल्क जमा कराया है तथा इन सभी फाईलों को जांच के लिए चंडीगढ स्थित इंस्टीटूट आफ पब्लिक आॅडिट आफ इंडिया को भेजा जाए ताकि वहां पर दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। अपने आदेश में निगमायुक्त मोहम्मद साईन ने यह भी कहा है कि इस आडिट के दौरान संस्थान यह भी तय करे कि सबंधित फाईल में कौन कौन अधिकारी दोषी है तथा उनकी इजाजत के बाद उन अधिकारियों के खिलाफ अलग अलग फाईल के हिसाब से अलग अलग एफ आई आर भी दर्ज कराई जाए।यही नहीं नगर निगम आयुक्त मोहम्मद साईन निगम की राजस्व रिकवरी पर आज खासे गंभीर दिखाई दिए, प्लानिंंग विभाग की जांच भारतीय लोकलेखा परीक्षक संस्थान को देने के साथ ही आज निगमायुक्त ने निगम के आडिट विभाग को यह निर्देश भी दिया है कि एक दो या तीन सदस्यीय टीम गठित ए ई ओ ब्रांच की पिछले एक साल की सभी फाईलों की जांच कराई जाए कि जो रिकवरी इस विभाग द्वारा की गई है वह नियमानुसार सही है या उसमें भी कोई खामी है। रौचक तथ्य यह है कि इस जांच की रिपोट अगले तीन में निगमायुक्त को देने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।निगमायुक्त मोहम्मद साईन के इन निदेर्शों के बाद प्लानिंग विभाग सहित निगम के सभी विभागो के अधिकारियों में दहशत का आलम है तथा हर अधिकारी अपने अगले पुराने रिकार्ड को दुरुस्त करने में लगा है। निगम में यह चर्चा आम है कि पहली बार ऐसा अधिकारी आया है जो कि अगला पिछला सारा रिकार्ड ठीक करा रहा है। चर्चा है कि निगमायुक्त् की इस पहल के बाद निगम को करोडों रुपए का फायदा होगा। हालांकि चर्चा है कि जिस प्रकार से हर मामले में निगमायुक्त ने अधिकारियों के खिलाफ अलग अलग एफआईआर की बात कही है उसके बाद अधिकारियों के लिए परेशान खडी हो सकती है।