फरीदाबाद । पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा संत श्री आशारामजी बापू आश्रम फरीदाबाद में 25 दिसंबर-तुलसी पूजन दिवस एक नई पहल के तहत तुलसी पूजन कार्यक्रम मनाने हेतु प्रेस कॉन्फेंस का आयोजन किया गया। आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुशीला बहन, रेखा बहन (मैनपुरी ), रामा भाई और नीलम दुबे उपस्थित थे। सभी को 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाने का संदेश दिया साथ ही
गीता,गंगा और गाय के महत्व से भी सभी को परिचित करवाया।
भूमि भारत में जो संस्कार, शिक्षा पूजा और उपासना द्वारा हमें लाभ मिल रहा है ऐसा और कोई देश में नहीं है. हमारे सद्गुरुदेव पूज्य संत श्री आशारामजी बापू बताते है कि तुलसी एक है पर उनके गुण, लाभ अनेक है. पूज्य बापूजी कहते है कि नित्य तुलसी-सेवन से अम्लपित (एसिडिटी) दूर हो जाता है, मांसपेशियों का दर्द, सर्दी-जुकाम, मोटापा, बच्चों के रोग, विशेषकर काफ, दस्त, उलटी, पेट के कमि आदि में लाभ करती है. विद्यार्थी प्रतिदिन तुलसी सेवन द्वारा अपनी स्मरण शक्ति अभूतपूर्व रूप से बढ़ा सकते हैं. विद्यार्थियों ने संकल्प लिया की अपने दैनिक जीवन में तुलसी माता का सेवन व पूजन जरुर करेंगे. आज के समय में लोग तुलसी की महिमा भूलते जा रहे है जिससे लोगो के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है। संत श्री आशारामजी बापू ने जब आदिवासी गरीब लोगो की समस्या देखी तो तुलसी वितरण अभियान शुरू किया, आज भारत के हर गाँव- शहर में तुलसी पूजन अभियान चल रहा है। इसी कड़ी में पूरे भारत वर्ष साथ साथ विदेशों में भी 25 दिसम्बर तुलसी पूजन कार्यक्रम के तहत विद्यालयों व कॉलोनियों में कार्यक्रम पूरे विश्व भर में आयोजित हो रहे है।
पूज्य बापूजी बताते हैं कि भारतीय दर्शन-शास्त्र और संस्कृति पूरे विश्व को परिवार मानते हुए मानव मात्र के कल्याण के निमित प्रयास करती है। एक परिवार का मुख्या हमेशा पूरे परिवार का ही मंगल चाहेगा, न की एक सदस्य का। इसी प्रकार हमारी संस्कृति 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन द्वारा आरोग्य प्रदान करती है, जबकि पाश्च्यातय संस्कृति प्लास्टिक के पोधे को क्रिसमस के रूप में बना कर अंधविश्वास के साथ-साथ प्रदूषण को बढ़ावा देती है।
आज तक भारत का मार्गदर्शन हमारे ऋषि-मुनियों, संत-महापुरुषों ने किया है, और इनके मार्गदर्शन में भारत विश्वगुरु बन कर ही रहेगा। पूज्य बापूजी ने 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस’ मनाने की सुंदर सौगात समाज को दी है। विश्वभर में अब यह दिवस व्यापक स्तर पर मनाया जाने लगा है।
आजकल पाश्चात्य नववर्ष की आड़ में अंग्रेजी वर्ष के अंत मे आपराधिक कुवृतियां में वृद्धि होने लगती हैं । शराब व अन्य मादक पेय पदार्थों की खपत बढ़ जाती हैं तथा पाश्चात्य अंधानुकरण से पोप म्यूजिक से नृत्य कर अपनी जीवनशक्ति का ह्रास कर बैठते हैं इसलिए पूज्य बापूजी की प्रेरणा से अंग्रेजी वर्ष के अंत मे भारत विश्व गुरु अभियान सप्ताह चलाया जाता है जिसमे तुलसी पूजन दिवस जैसे पर्व, चले स्व की ओर, विद्यार्थी जप अनुष्ठान जैसे शिविरो का आयोजन, नशा मुक्ति अभियान, गौपूजन, युवा तेजस्वी शिविरों का आयोजन होता हैं तथा सभी को अंग्रेजी नववर्ष के स्थान पर भारतीय नववर्ष अर्थात चैत्र नववर्ष को को वैदिक रीतिरिवाज के साथ मनाने का संदेश दिया जाता है।
पद्म पुराण में बताया गया है कि “जितने भी फूल पत्ते प्रकृति में हैं उन सबके रस से जितना लाभ होता है तुलसी माता के आधे पत्ते से ही उससे अधिक लाभ होता है ।”
तुलसी जी 24 घंटे ऑक्सीजन देती है । तुलसी पत्तों से 1 पीला तरल पदार्थ यूजीनॉल मिथाइल ईथर निकलता है जो उड़नशील होता है वो वातावरण को विषैले कीटाणुओं से रहित बनाता है । असली क्रिसमस ट्री तो बहुत कम लोगों के पास होती है वो भी 24 घंटे ऑक्सीजन नहीं देती । अधिकतर लोग प्लास्टिक की क्रिसमस ट्री या नकली किसी पेड़ की टहनी को काटकर क्रिसमस ट्री बनाते हैं जो हमारे लिए कोई लाभदायी नहीं होती ।
तुलसी केवल रोगों से मुक्ति नहीं देती है वरन भगवान के प्रति प्रेमाभक्ति भी बढ़ाती है जिससे हमारी आध्यात्मिक उन्नति भी शीघ्र होती है ।
तुलसी जी की 9 परिक्रमा लगाने मात्र से हमारी औरा में बहुत सकारात्मकता आ जाती है व लक्ष्मी जी की प्राप्ति भी होती है । 10 मिनट भी तुलसीजी की औरा में रहने से मन शांत होता है और सकारात्मक विचार आने लगते हैं
यदि हमें अपने अस्तित्व को बचाना है तो हमें अपने संतों और सनातन संस्कृति को बचाना होगा।
इस दौरान सभी बच्चे, पुरुष व महिलाएं 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन हेतु फरीदाबाद आश्रम में जरूर उपस्थित रहें ऐसा निवेदन किया गया।