mumbai (Ismat sheikh /standard news) महाराष्ट्र की सरकार अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ो को सरकारी नौकरी देगी। विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन है जो एक लड़का-लड़की को सात जन्मों के लिए एकदूसरे से बांध देता है। लेकिन जब ये विवाह अंतरजातीय (इंटरकास्ट मैरिज) होता है तब समाज का एक बड़ा तबका इसके खिलाफ खड़ा हो जाता है। महाराष्ट्र में हजारों ऐसे जोड़ा है जिन्हे आंतरजातीय विवाह करने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।महाराष्ट्र में बढ़ती इस जाति प्रथा और असमानता को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में जो भी लड़का या लड़की अंतरजातीय विवाह करेगा उसे ना सिर्फ सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देगी बल्कि उनके बच्चों के पढ़ाई का खर्च भी सरकार उठाएगी। इस सिलसिले में ड्राफ्ट बनना शुरू हो चुका है। सरकार के इस निर्णय से उन हजारों लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है जो अंतरजातीय विवाह तो करना चाहते हैं लेकिन समाज के विरोध से डरते थे।विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन है जो एक लड़का-लड़की को सात जन्मों के लिए एकदूसरे से बांध देता है। लेकिन जब ये विवाह आंतरजातीय (इंटरकास्ट मैरिज) होता है तब समाज का एक बड़ा तबका इसके खिलाफ खड़ा हो जाता है।हाल के वर्षों में महाराष्ट्र में सैंकडों ऐसे मामलें सामने आए है जहां पर अंतरजातीय विवाह करने पर समाज से बहिष्कार कर दिया गया, कई मामलों में तो खून तक कर दिया गया। समाज में फैली इसी जाती प्रथा को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने तय किया है कि जो भी लड़के या लड़की अंतरजातीय विवाह करेगें उन्हें सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।