फरीदाबाद। चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय मेट्रो अस्पताल के डाक्टरों ने एक और चमत्कारी कारनामा करते हुए 65 वर्षीय महिला को फिर से अपने दोनों पैरों पर खड़ा करने में सफलता हासिल की है। उक्त महिला मरीज के दोनों घुटनों में होस्टोअर्थराइटिस था, जिसके कारण वह बहुत पीड़ा में थी और पिछले तीन सालों से बिस्तर से उठ भी नहीं सकती थी, उनके लिए प्रतिदिन की दिनचर्या के काम करना भी बहुत कठिन था। मरीज ने विंग कमांडर डा. वी.के. गुप्ता, विशिष्ठ सेवा मेडल प्राप्त, मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ ओर्थाेपेडिक व ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन से अपने उपचार के लिए परामर्श किया। विचार विमर्श तथा सभी जांचों को देखकर डा. गुप्ता ने उन्हें कंप्यूटर नेविगेशन तकनीक द्वारा घुटने बदलवाने की सलाह दी व उनके घुटनों की सर्जरी की। सर्जरी के 24 घण्टे के पश्चात ही मरीज चलने-फिरने लगी थी। डा. गुप्ता ने बताया कि मरीज का दोनों घुटने की सर्जरी हमें पिन लेस कंप्यूटर नेविगेशन तकनीक द्वारा की गई है। यह तकनीक बेहतर परिणाम देती है एवं इसका इम्पॉन्ट काफी लम्बे समय तक चलता है एवं रिविजन रेट भी कम होता है। डा. गुप्ता व डा. अनुपम ने कहा कि 10 साल के आंकडों में नार्वे और आस्ट्रेलिया के डाक्टरों ने घुटने में नेविगेशन तकनीक को कन्वेंशन विधि से बेहतर बताया है। नार्वे और आस्ट्रेलिया के घुटना नेविगेशन तकनीक से बदले जाते है उनकी उम्र, अलाईनमेंट एवं कन्वेंशन विधि बेहतर होती है। इसमें रक्त का रिसाव बहुत कम होता है। मैट्रो अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डा. एस.एस. बंसल ने सफल सर्जरी पर डाक्टरों की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह 3डी तकनीक न केवल सटीक है बल्कि मरीज के लिए काफी सुरक्षित तकनीक भी है। इसके अतिरिक्त इसके अन्य फायदे जैसे कम समय में जल्दी घर वापसी, ब्लड लैस तथा सर्जरी के बाद की परेशानी भी काफी कम होती है। इस तकनीक को मैट्रो अस्पताल में ज्यादातर घुटना बदलने के लिए इस्तेमाल कर रहे है।