पाउडर रूपी शराब में पाया जाने वाला यौगिक दिल की बीमारी से ग्रस्त लाखों लोगों की जान बचाने वाला बना। एक दुर्लभ आनुवांशिक विकार से पीड़ित, जुड़वां लड़कियों की मां ने पहली बार यह आइडिया वैज्ञानिकों को दिया था। चलिये वस्तार से जानें खबर –
अर्स टेक्निका (Ars Technica) की रिपोर्ट के अनुसार, पहले से ही एफडीए द्वारा मंजूरी प्राप्त इस यौगिक को बीटा-सायक्लोडेक्सट्रिन (beta-cyclodextrin) कहा जाता है। इसे व्यापक रूप से दवाओं और खाद्य (पाउडर शराब सहित) पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, इसे लंबे समय से एक “वाहक” के रूप में देखा गया है, यह अन्य दवाओं को अधिक प्रभावी बनाता है, लेकिन अब सायक्लोडेक्सट्रिन खुद में बहुत शक्तिशाली है।
जर्नल साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में लिखे लेख के मुताबिक, शोधकर्ताओं का कहना है कि, यह कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टलों और दिल की दीवारों के चारों ओर जमने वाले प्लाक (plaque) को घोलकर अलग करता है। मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के एक हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार, ‘यह चिकित्सा जगत में एक संभावित लाभदायक चिकित्सकीय दृष्टिकोण है”।
कमाल की बात तो ये है कि, क्रिस हेम्पेल में सूचीबद्ध सह-लेखकों में से एक, बिना किसी औपचारिक चिकित्सा प्रशिक्षण वाली एक अमेरिकी मां हैं, जिन्होंने दिल की बीमारी से जुड़े अध्ययन का सुझाव दिया। ये महिला निमान-पिक टाइप सी, और एनसीपी (Niemann-Pick type C, or NPC), जिसे बचपन में होना वाला अल्जाइमर कहा भी जाता है, नामक दुर्लभ आनुवांशिक विकार से पीड़ित हैं।
सायक्लोडेक्सट्रिन, एनसीपी के उपचार में सहाय होता है, और इसका वर्तमान में क्लिनिकल परीक्षण किया जा रहा है। पॉपुलर साइंस के मुताबिक, प्रारंभिक निष्कर्ष बताते हैं उनकी सलाह सही थी। हालांकि इस विषय पर अभी और शोध करने की आवश्यकता है। लेकिन यदि आगे होने वाले शोध इसका समर्थन करते हैं तो सायक्लोडेक्सट्रिन, रुकावट वाली धमनियों के इलाज में काफी फायदेमंद साबित होगा।