फरीदाबाद। पृथला विधानसभा में अपने वर्चस्व को लेकर दो पक्षों का सघर्ष शहर में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। हो भी क्यों ना जब एक पक्ष विधायक हो और दूसरा पक्ष बीजेपी का नेता। अब ये तो समय ही तय करेगा कि किसका दावा ज्यादा बलवान हैं कि वह पृथला विधानसभा की जनता के सर्वाधिक प्रिय नेता है और उनकी सक्रिय भूमिका लोगों के बहुत करीब हैं। बात करे जनता के मध्य अपने वजूद की तो इसके लिए बसपा से पृ़थला विधानसभा के विधायक पङ्क्षडत टेकचंद शर्मा जहां निरंतर प्रयास में रहते हैं कि वह जनता के समक्ष अपने दावेदारी को मजबूत बनाए रखे वही भाजपा प्रत्याशी नयनपाल रावत भी उनके कमंतर अपने आप को नही आंकते। बकायदा नयनपाल रावत की भी यही कोशिश रहती हैं कि वह पृथला विधानसभा से जुडे सभी मुद्दों को जनता के समक्ष किसी भी माध्यम से पहुचा सके। इसके लिए बकायदा वह अखबार के माध्यम से अपना पक्ष रखते आए है जिन्हे लेकर विधायक टेकचंद शर्मा ने इसे मात्र प्रचार करना बताया था। उनका तर्क था कि एक विधानसभा में जो भी विकास कार्य होते है उनमें विधायक द्वारा विधानसभा में प्रस्ताव रखा जाता है और जब विकास कार्य प्रगति की अग्रसर होते है तो उनमें विधायक की सलाह भी ली जाती है जो ऐसे में हारे हुए प्रत्याशी जो कि बेशक भाजपा से जुडा हुआ है उसका कोई रोल का मतलब ही नही हैं। अभी हालफिलहाल में चर्चा यह भी रही थी कि विधायक टेकचंद शर्मा बसपा पार्टी से रिजाइन कर आगामी भविष्य में बीजेपी पार्टी से विधायक का चुनाव इसी विधानसभा सीट से लडेगे। चर्चा सुनकर भाजपा नेता नयनपाल रावत ने अपने वर्चस्व की जंग को लेकर विधानसभा में एक कार्यक्रम आयोजित करवा दिया जिसमें केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुजर्र ने उनका समर्थन खुल कर किया था तथा लोगों से उनकी पार्टी को समर्थन देने की अपील भी की थी। कहा यह भी गया था कि केन्द्रीय मंत्री ने विधायक टेकचंद शर्मा पर कुछ कटाक्ष भी किए थे जिसे लेकर विधायक टेकचंद शर्मा नाराज भी हो गए थे। परन्तु बाद में मंत्री ने अपनी सफाई देकर मामलें को शांत कर दिया। खैर जो भी रहा हो पर इस वक्त विधायक टेकचंद शर्मा एंव भाजपा नेता नयनपाल रावत में पृथला विधानसभा में अपने वजूद को लेकर सघर्ष की स्थिती बनी हुई है अब यह तो भविष्य तय करेगा कि जनता का समर्थन आगामी विधानसभा चुनाव में किस के साथ रहेगा।