फरीदाबाद। भारतीय संस्कृति संस्कारों और विचारों की संस्कृति कहलाती है। सभी धर्म हमें प्यार से मिलजुलकर रहना सिखाते है तथा कोई भी धर्म हमें हिंसा की इजाजत नहीं देता। यह बात युवा कांग्रेसी नेता विजय प्रताप के पुत्र विधान प्रताप सिंह ने एसजीएम नगर के एक स्कूल के नजदीक आयोजित 12वीं श्रीमद् भागवत कथा एवम् ज्ञान यज्ञ से पूर्व निकाली गई कलश शोभा यात्रा की शुरुआत करते हुए कही। इस मौके पर 151 महिलाओं द्वारा निकाली गई कलश यात्रा 22 फूट रोड़,25 फुट रोड़,बी-ब्लॉक तथा मार्किट होते हुए वापिस कथा स्थल पर पहुंची जहां कथावाचक रोशनलाल वशिष्ठ ने पूरे विधि विधान से कलशो की स्थापना की। इस अवसर पर विधान प्रताप सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से धर्म के प्रति लोगों में आस्था बलवती होती है। इस आस्था से आत्मविश्वास को बल मिलता है। आत्मविश्वास के द्वारा ही व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है। हमें परमात्मा का स्मरण और आत्मविश्वास के साथ अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए प्रयास करना चाहिए। हमें धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन कर उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। इस अवसर पर भारत भूषण आर्य ने कहा कि वैसे तो श्रीमद भागवत कथा को जितनी बार भी सुना जाए उतनी बार भी कम है लेकिन पितृपक्ष (श्राद्व ) में श्रीमद् भागवत कथा कहनी और सुननी अपने आप में अलग ही महत्व रखती है और पितृों को मोक्ष दिलवाती है। इस अवसर पर जयपाल चंदीला, विनोद कौशिक, महेश अग्रवाल, महिपाल भाटी ,आर के अरोड़ा, शिवचरण गर्ग ,दिनेश चन्द गर्ग, डी.पी सिंह, विनोद अग्रवाल, रामअवतार शर्मा, रविन्द्र भड़ाना, इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे।