फरीदाबाद। किसी भी संस्थान को चलाने के लिये उसमें मैटीरियल की सुगम आपूर्ति और ले आउट जरूरी है जोकि संस्थान की क्षमता और उत्पादकता दोनों को बढ़ावा देता है। यदि मैटीरियल की आपूर्ति या गुणवत्ता अथवा उत्पादकता में से कुछ भी प्रभावित होता है तो इसका प्रत्यक्ष प्रभाव संस्थान की गति पर पड़ता है।हरियाणा स्टेट प्रोडक्टीविटी काउंसिल के प्रधान जे पी मल्होत्रा ने मैटीरियरल हैंडलिंग एंड स्टोरेज सिस्टम विषय पर आयोजित अद्र्धदिवसीय वर्कशाप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैटीरियल हैंडलिंग को पर्याप्त बनाना समय की मांग है जिस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।श्री मल्होत्रा ने प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे जैपनीज सिस्टम टीपीएम और लीन का अनुकरण करें ताकि स्त्रोत व साधनों को बेहतर बनाया जा सके। आपने कहा कि तकनीक में सुधार और इसका प्रयोग संस्थान की कार्यप्रणाली को और बेहतर बना सकता है। आपने कहा कि उत्पादकता और प्राफिट में बढ़ौतरी के लिए सिस्टम को प्रभावी बनाना जरूरी है। हरियाणा स्टेट प्रोडक्टीविटी काउंसिल के पूर्व प्रधान संजय वधावन ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि कार्यप्रक्रिया में दो स्तर पर टाईम लॉस में कमी की जानी चाहिए जिसके तहत मैटीरियल की मूवमैंट में कमी और प्रोडक्शन लाईन में सुगमता जरूरी है। श्री वधावन ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपने संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों को वह जानकारी दें जो उन्हें इस सेमीनार में मिली।सेज मैटल्स के एचआर हैड श्री डी के भाटिया ने प्रतिभागियों को सलाह दी कि उत्पादकता के संदेश को फैलाएं ताकि इसका लाभ सभी संबंधित वर्गों को मिले। श्री भाटिया ने श्री मल्होत्रा से भी आग्रह किया कि वे ऐसे ट्रेनिग कार्यक्रमों को भविष्य में भी आयोजित करें ताकि उत्पादकता के संबंध में जागरूकता का संचार हो सके। नीलकांत समूह के श्री शैलेन्द्र ने वेस्ट मैटेरियल को हटाने व उत्पादकता से जुड़े कई तथ्यों की जानकारी प्रतिभागियों को दी। प्रसिद्ध सलाहाकार हरीश कुमार मग्गू ने समस्याओं और उनके समाधान पर व्याख्यान देते हुए प्रोडक्टिविटी में सुधार के कई टिप्स दिए।
वर्कशॉप में विंग्स आटोमोबाईल, एडन इन्जीनिरिंग, प्रणव विकास, एनई रबड़ इनडस्ट्रीज, व्हर्लपूल, एलोफिक, स्पैशल वाशर, भारतीय वाल्वस, कात्रिक इलैक्ट्रानिक्स, सेज मैटल्स से २१ से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।