फ़रीदाबाद (राजनैतिक समीक्षा) बदलाव रैली को लेकर जिस तरहा से हकीकत सामने आई है वो बात बड़ी शर्मसार ह.. इस रैली ने आयोजकॊ की उस सच्चाई को जनता के सामने उजागर कर दिया है.. जिसमें ध्याड़ी मज़दूरों को 200 रुपये देकर भीड़ जुटाने के लिए बुलाया गया था.. इस बात का अंदाज़ा तो सायद रैली के आयोजकॊ को भी नहीं था कि उनकी कलाई इस तरहा थाने जाकर खुल जायागी.. मामला थाने पहुच गया. जहा मज़दूरों ने आरोप लगाया कि रैली के सयोजक ने उन्हे 200 रुपये देकर बुलाया था पर समाप्ति पर उन्हे रुपए नहीं दिए..अब चर्चा का विषय यह है कि जब ध्याड़ी मज़दूरों से रैली की जगहा को पाटा गया तो किस तरहा से रैली सफल मानी जाए जबकि दावा यही किया जा रहा है..क्योकि यह बात तो प्रमाणित हो चुकी है कि रैली में पार्टी कार्यकर्ता नहीं बल्कि ध्याड़ी मज़दूर थे..इसमे हास्यपद यह रहा कि रैली की सफलता लोगो के बीच पहुंचाने के लिए कुछ अखबारों में विज्ञापन ही नहीं नकली खबरो को भी प्रकाशित करवाया गया..गोरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के युवा नेता मनमोहन भडना द्वारा पार्टी को अपनी राजनीति पकड़ दिखा कर लोकसभा टिकिट का सबसे बड़ा दावेदार प्रमणित करने के उदेश्य से रैली का आयोजन किया गया था.. पर युवा नेता अपने मकसद मे नाकामयाब हो गए और जिस तरहा से कांग्रेस के बड़े नेताओ ने रैली से दूरीया बना रखी वो चर्चा का विषय बना रहा.. इतना ही नहीं पार्टी कार्यकर्ता भी रैली मे नदारत रहे.. जो अगामी भविष्य की रणनीति के लिए नुकसानदायक साबित जरूर होगी..