फरीदाबाद। डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में चल रही सात दिवसीय राष्ट्रीय शोध कार्यशाला का समापन हुआ। इस कार्यशला में देश के विभिन्न महाविद्यालयों से आए 40 प्रोफेसरों एवं रिसर्च स्कॉलरों ने भाग लिया। कार्यशाला में शोध से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था, जिनमें प्रोफेसर रविन्द्र विनायक ने रिसर्च विषयों को चुनने में प्रयोग की जाने वाली सावधनियों के विषय में चर्चा की तथा प्रोफेसर सकेत विज ने लिट्रैचर रिव्यू करने के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश्स डाला। प्रोफेसर इशानी चोपड़ा ने शोध के लिए प्रयुक्त की जाने वाली विभिन्न सांख्यिकीय तकनीकों का अभ्यास कराया तथा डाटा क्लीनिंग एवं मिसिंग वैल्यू से संबंधित जानकारी दी।प्रोफेसर सुनीता अरोड़ा ने कोरिलेशनए रिग्रेषन काई.स्कवैयर तथा फैक्टर विष्लेषण की पद्वतियों पर छरू विभिन्न सेशनों में लेकर दिया तथा अभ्यास कराया। डॉ.अजय चौहान ने स्ट्रक्चरल इक्वेशनल मॉडलिंग ;एसईएमद्ध तकनीक पर विस्तृत चर्चा की। श्री संजीव कुमार सन्नी ने रैफ्रेन्स मैनेजमेन्ट पर ज्ञान सांझा किया। अंतिम दिन के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता अंतर्राष्ट्रीय संगठन श्आस्क के चीफ ग्रोथ ऑफिसर प्रभाकर तिवारी थे। उन्होंने अच्छी शैक्षणिक शोध का उद्योग में महत्व विषय पर प्रकाश डाला एवं प्रतिभागियों की शंकाओं एवं प्रश्नों का बड़ी सहजता से समाधान किया एवं संबंधित जानकारियों से उन्हें अवगत कराया। कार्यशाला में महाविद्यालय के प्रिसिपल डॉ.सतीश आहूजा जी ने सर्टिफिकेटों का वितरण किया। कन्वीनर डॉ.ज्योति राना ने सभी प्रतिभागियों मुख्य अतिथिए विषेषज्ञों का धन्यवाद किया। कार्यशला आयोजित करने में डॉ.सुनीति आहूजा, गुंजन गुम्बर, डॉ.इमराना खान ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।