फरीदाबाद। बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के प्रयास ने दो किशोरियों को बालिका वधु बनने से बचा लिया। सूचना के आधार पर शादी से एक दिन पहले वह उनके घर पहुंच गई और उनके माता.पिता को 18 साल की उम्र से पहले उनकी शादी न करने के लिए राजी कर लिया। साथ ही उनके माता.पिता को बाल विवाह से होने वाले नुकसान और सजा की भी जानकारी दी। बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि उन्हें जानकारी हुई कि सदर बल्लभगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में 16 वर्षीय किशोरी की शादी की तैयारी की जा रही है। वहीं मुजेसर थाना क्षेत्र की 15 वर्षीय किशोरी की शादी की बात भी उन्हें पता चली। दोनों जगह वह स्थानीय पुलिस को साथ लेकर पहुंची। उन्होंने किशोरियों के माता.पिता को समझाया कि छोटी उम्र में विवाह करने से कन्या का विकास रुक सकता है और उसे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। अभिभावकों की आपति के बाद उन्होंने बाल विवाह कराने वालों के लिए सजा के प्रावधान की जानकारी उन्हे दी। परन्तु परिजनों ने बारात आने पर सामाजिक बेइज्जती की विवशता जाहिर की। इसके बाद हेमा कौशिक ने वर पक्ष के लोगों से बात कर उन्हें बारात नहीं लाने के लिए राजी कर लिया।