फरीदाबाद। तिगांव विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर ने आज प्रदेश की भाजपा सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि जिस सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल में किसान, मजदूर, व्यापारी व कर्मचारी वर्ग दुखी हो जाए, उस सरकार को सत्ता से बेदखल होने से कोई नहीं बचा सकता। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रवाद का चुनाव था, जबकि विधानसभा चुनाव में अलग मुद्दे होते है, हरियाणा में भ्रष्टाचार, किसानों को फसलों का उचित दाम न मिलना व बिगड़ती कानून व्यवस्था सरकार की ऐसी जनविरोधी नीतियां है, जिसने हर वर्ग को झकझोंर कर रख दिया है और प्रदेश की जनता अब बदलाव के मूड में है और फरीदाबाद से बदलाव की ऐसी लहर चलेगी, जो भाजपा को सत्ता से उखाडक़र ही थमेगी। श्री नागर आज अपने चुनाव प्रचार अभियान के तहत गांव छोटी खेड़ी, खेड़ी, ताजूपुर, बदरपुर, जसाना, सिडौला, कबूलपुर गुजरान, चीरसी, मंझावली सहित कई गांवों में सभाओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान गांवों में पहुंचने पर ललित नागर का ग्रामीणों ने फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया और उन्हें सम्मानरुपी पगड़ी बांधकर उन्हें पुन: विधानसभा में भेजने का भरोसा दिलाया। सभाओं में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर ने कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां का जिक्र करते हुए कहा कि नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद बसाना भी कांग्रेस सरकार की एक बड़ी देन रही है क्योंकि ग्रेटर फरीदाबाद बसने से पहले नहरपार के गांवों की जमीन के भाव दो से 5 लाख रुपये प्रति एकड़ होते थे परंतु ग्रेटर फरीदाबाद बसने के बाद यहां जमीनों के दाम एक करोड़ तक पहुंच गए परंतु आज भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियों के चलते जमीनों के रेट भी औधे मुुंह गिरे हुए है। श्री नागर ने भावुक होते हुए कहा कि 2009 का चुनाव हारने के बाद प्रदेश में हुड्डा सरकार बनने पर उन्होंने हर गांव में रोजगार व ग्राम पंचायतों को ग्रांट देने का काम किया। इतना ही नहीं बल्कि 19 गांवों के किसानों की जमीन के मुआवजे को 16 लाख से बढ़ाकर 42 लाख करवाया और 2014 में चुनाव जीतने के बाद विपक्ष में रहने के बावजूद क्षेत्र की जनता के हक-हकूक की आवाज को प्राथमिकता से उठाया और हर गलत कार्य पर अपना विरोध दर्ज करवाया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि आज समय आ गया है, जब आपको तराजू के दोनों पलडों में मेरे व भाजपा उम्मीदवार के कार्याे को तौले और जो विधानसभा में आपके हक-हकूक की आवजा को प्राथमिकता से उठा सके, उसे अपना जनप्रतिनिधि चुने।