फरीदाबाद। नगर निगम सदन की बैठक निगम महापौर की अध्यक्षता में सम्पन हो गई। बैठक मे मुख्य तौर पर निगम आयुक्त ,चेयरमैन धनेश अदलक्खा ,वरिष्ठ उपमहापौर सहित उपमहापौर मौजूद थे। निगम सदन की बैठक में सफाई और शिविर का मुद्दा खास तौर पर छाया रहा। हांलाकि सदन के मध्य में काफी पार्षदों ने शिकायत करने के साथ-साथ निगम आयुक्त सोनल गोयल के समक्ष शहर में मूलभूत सुविधाओं के अभाव होने के बावजूद भी स्मार्ट सिटी में रैंकिग बढ जाने की बात रखी,जिसे लेकर उन्होने बात को गोलमोल कर अपना पल्ला झाड लिया। साथ ही रिर्टायर अधिकारियों को निगम सलाकार के पद से हटाए जाने को लेकर चैयरमैन धनेश अधलक्खा और निगम आयुक्त के बीच नोकझोक भी हो गई जिसके लेकर निगम आयुक्त ने चैयरमेन को जवाब से चुप करवा दिया। उन्होने बताया कि लगभग पूर्व में 11 सेवानिवृत अधिकारियों को नगर निगम फरीदाबाद में बतौर निगम सलाहाकार के पद पर नियुक्त किया था परन्तु उनमें से लगभग 8 लोगों को हटाया जा चुका है तथा बाकी 3 की अभी निगम को जरूरत है उनके विकल्प मिलते ही नगर निगम तभी ही कुछ फैसला ले पायेगा। इसके साथ ही निगम पार्षदों ने सदन में मांग रखी कि सफाई कर्मचारियों की हाजिरी संबधित वार्ड में ही होनी चाहिए जहां उनकी तैनाती रहती है और साथ ही वार्ड में सभी कर्मचारियों के दूरभाष सहित एक सूचि को चस्पा दिया जाना चाहिए ताकि वार्ड के लोगों को यह पता चल जाए कि फिलहाल उनके वार्ड में कौन सा सफाई कर्मचारी लगा हुआ हैं। साथ ही निगम पार्षदों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि उन्हे माह में कम से कम 1 लाख रूपयें के विकास कार्यो को करवाने के लिए दिए जाने चाहिए जिस पर निगम आयुक्त सोनल गोयल ने मंजूरी देते हुए सभी सह आयुक्त को लगभग 45 लाख रूपयें देने की बात को तत्कालीन प्रभाव से लागू करने की बात कह दी। सदन की बैठक में लगभग सभी मतों को एक ध्वनि से पारित कर दिया गया बस कुछ मु्द्दों को लंबित छोड दिया गया जिसमें सबधित पार्षद वहा मौजूद नही थे या फिर जिन पार्षदों को अपने क्षेत्र के मु्ददें उन्हे बिना बताए डालने को लेकर रहा था। वही बैठक में बीजेपी के दो गुटों के पार्षद आपस में लडते हुए दिखाई दिए। पार्षद अजय बैसला ने उपमहापौर मनमोहन गर्ग पर तीखा कटाक्ष करते हुए चेतावनी देते हुए कहा कि वह उन्हे बिना बताए उनके क्षेत्र के मुद्दों को निगम एजैंडे में शामिल ना किए करे और यदि भविष्य में वह इस तरह को कोई भी मुद्दा हो इस बाबत सूचित किए जाए। जवाब में मनमोहन गर्ग ने कहा कि उनका उनका मकसद किसी कि भावनाओं को आहत करना नही था वह तो बस भष्ट्राचार को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। बैठक में आरोपी-प्रत्यारोप केवल पार्षद पर नही लगे बल्कि डेयरी प्रोजेक्ट के प्लाट आबटन को लेकर वार्ड-28 के पार्षद ने अधिकारी सतीश पराशर पर मिलीभगत कर उन पर भष्ट्राचार के आरोप लगा दिए। जवाब में निगम अधिकारी ने प्रतिउत्तर में जवाब दिया कि जिस वक्त यह प्रोजेक्ट लागू किया गया था वह निगम सेवाओं में ही नही थे तथा इस बात की जांच मुख्यमंत्री विजलैंस कर रही हैं। इतना ही नही वार्ड-17 के पार्षद ने निगम आयुक्त के समक्ष आवेदन किया कि जब भी उनके वार्ड में किसी भी प्रकार का विकास कार्यो हो तो उन्हे सूचित अवश्य किया जाना चाहिए जबकि क्षेत्र में विधायिका सीमा त्रिखा स्वंय ही उद्घाटन कर देती है जबकि उन्हे भी इस सर्दभ में जानकारी होनी चाहिए। कांग्रेस समर्थित वार्ड-21 के पार्षद ने भी विधायिका सीमा त्रिखा पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधायिका उनके क्षेत्र में अपनी मनमानी कर विकास कार्यो में हस्तक्षेप कर रही है जबकि उनका भी अधिकार है कि वह जनता की सेवा करते हुए अपने हिसाब से निगम बजट को वहा लगा सके। इसके अलावा कांग्रेस समर्थित एक अन्य वार्ड-16 के पार्षद ने सैनिक कालोनी के मु्द्दें को उठाकर निगम के नियमानुसार कार्रवाही की बात कही परन्तु निगम अधिकारियों ने उन्हे बताया कि निगम नियमानुसार इसका विश्लेक्षण करेगे। संपन हुई इस बैठक में निगम के मुख्य अधिकारियों सहित पार्षदगण मौजूद थे।