फरीदाबाद। भ्रष्टाचार विरोधी मंच ने निग्मायुक्त सहित नगर निगम प्रशासन को यह चुनौती दी है कि वह यह बताये कि निगम की व्यवस्थाओं में से कौन सी एक व्यवस्था सही है। सफाई, सीवर, पानी की निकासी, पार्क, स्टीट लाईट, सडक़, कराधान सहित सभी व्यवस्थायें चरमराई हुई है। मंच के संयोजक अनशनकारी बाबा रामकेवल और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डा. ब्रहमदत्त ने आज यहां आरोप लगाया कि निगम में व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है और कुछेक अपवादों को छोडक़र केवल लूट तंत्र हावी है और निगम अधिकारी रतन लाल रोहिल्ला व सिविल सोसायटी के लोग पिछले 35 दिनों से इस लूट की जांच करवाने की मांग कर रहे हैं, पर सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। जांच करवाना तो दूर नगर निगम की आयुक्त भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने की खातिर भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम की सी.आई.डी. करवाने में लगी हुई है, वह स्वयं और इसके मातहत अधिकारी आंदोलन को सहयोग कर रहे ईमानदार अधिकारियों को प्रताडि़त करने व धमकी देने में लगे हुए हैं। बाबा रामकेवल व पदमश्री ने आरोप लगाया कि पिछले अनेकों सालों से अधिक समय से कन्टीजैंट सैंक्शनज के नाम पर अरबों रूपये के व्यारे न्यारे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नियमानुसार बिना टैंडर के न तो किसी प्रकार की खरीद फरोख्त की जा सकती है और न ही किसी प्रकार के विकास कार्य करवाये जा सकते हैं लेकिन नगर निगम में नियमों व कानूनी की धज्जियां उड़ाकर के पिछले बीसियों सालों से क्योटेशन के आधार पर बहुत बड़ा घोटाला हुआ है और इसमें निगम कें बड़े-बड़े अधिकारियों के साथ-साथ आडिट/लेखा शाखा विभाग के अधिकारी भी सीधे तौर से सम्मिलित हैं। उन्होंने क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि सी.ए.ज.ी जैसे संवैधानिक संस्था के लोग भी आडिट के समय इन चीजों को जानबूझ कर इगनोर करते रहे हैं। उन्हांने दावा किया कि पिछले पाँच सालों में सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से बनी आर.एम.सी. सडक़ों को बनाए जाने की संपूर्ण प्रक्रिया सहित इन सडक़ों की आज की स्थिति को जाँच का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, गारंटी के साथ कई बड़े-बड़े मगरमच्छ अंदर होंगे । जवाहर लाल शहरी नवीनीकरण योजना के तहत खर्च किए गये 3150 करोड़ रुपये के आउटपुट और इसके तहत किए गये कामों की गुणवता व खरीद फरोख्त की जाँच होनी चाहिए । स्वच्छ भारत मिशन के तहत किये जा रहे कार्यों व खरीद फरोख्त में भी घपले की बू आ रही है। निगम के सिस्टम को हाई-टेक करने के नाम पर खर्च की गई करोड़ों रूपये की राशि की तुलना में इससे प्राप्त परिणाम शूनय हैं। गाडिय़ों, जनरेटरों व अन्य यंत्रों के लिए प्राप्त जा रहे डीजल की खपत में भारी घपलेबाजी है। पिछले जांच के बाद कार्यवाही के नाम पर केवल कुछेक आउटसोर्सिंग कर्मियों को नौकरी से निकाल कर के मामले का पटाक्षेप कर दिया गया जबकि इस मामले की विस्तृत जांच करके पूरे गिरोह का पता लगाया जाना चाहिये था। इधर मंच के तत्वाव्धान में अनशनकारी बाबा रामकेवल, पदमश्री डा. ब्रहमदत्त और निगम अधिकारी रतन लाल रोहिल्ला के सत्याग्रह को किसान संगठन के नेता कंवर सूरजपाल भूरा, अरूण भाटी, इन्द्राज भगत, रामचन्द, जितेन्द्र भाटी, विजयपाल नम्बरदार, कंचन सिंह, कमल सिंह भाटी आदि ने भी अपना समर्थन दिया। समाज सेवी रविन्द्र चावला, वरूण श्योकंद, नवनीत गुम्बर, धन सिंह अत्री, यू.एम.खान,हंसराज, शाहाबीर खान, हरीदत्त, सत्य सिंह, अश्वनी कुमार शर्मा,राजेश शर्मा आदि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।