फरीदाबाद। सेक्टर 21बी स्थित जीवा संस्थान में पहले राष्टï्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान में हरियाणा के गवर्नर, महामहिम कप्तान सिंह सोलंकी मुख्य अतिथि के रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में चीफ पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी, गवर्मेंट ऑफ हरियाणा सीमा त्रिखा, एम0 एल0 ए0 पृथला टेकचंद शर्मा और रिटायर्ड आई0 ए0 एस0 एच0 एस0 राना आदि प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे। इसके अलावा उद्योगपति एच0 के0 बतरा, जे0 पी0 मलहोत्रा व एस0 एस0 गोसाई जी भी इस मौके पर मौजूद रहे। इस अवसर पर जीवा के निदेशक डॉ0 प्रताप चौहान ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में जीवा बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। यहाँ पर प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में रोगी फोन कॉल के माध्यम से ही अपनी चिकित्सा करवाते हैं। संस्थान के प्रयासों से ही आयुर्वेद को अंतराष्टï्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है। भारत सरकार ने इस वर्ष को मधुमेह रोकथाम वर्ष के रूप में घोषित किया है, जीवा ने इस पर एक पत्रिका भी तैयार की है जिसकी पूरे वर्ष में दस लाख प्रतियाँ वितरित की जाएँगी। इसके अलावा संस्थान ने लोगों को मधुमेह के प्रति सचेत करने तथा रोकथाम के लिए भी अनेक प्रयास शुरू किए हैं जैसे उचित आहार व व्यायाम इत्यादि को अपनी दिनचर्या में शामिल करना है, इस अवसर पर चिकित्सा कार्य में डॉ0 एस0 के0 ब्रह्यचारी, डॉ0 वी0 के0 गुप्ता, डॉ0 सपना भार्गव, डॉ0 दिनेश त्यागी, ए0 जयाकुमार, साहित्य कार्य में डॉ0 सत्यनारायण दास, प्रो0 मैथ्यू आर0 दस्ती, एडविन एफ ब्रियान्ट, सुश्री जया देवी, डॉ0 नरेश शर्मा, ज्योति संघ आदि को सम्मानित किया गया। जीवा के अध्यक्ष डॉ0 ऋषिपाल चौहान ने बताया कि भारत सरकार के आयुष विभाग ने धनतेरस को राष्टï्रीय आयुर्वेद दिवस घोषित किया है। धनतेरस को भगवान धन्वंतरी की उत्पत्ति का दिन माना जाता है। भगवान धन्वंतरी को देवताओं के चिकित्सक के रूप में माना जाता है और उन्हीं को सम्मान देने के लिए यह दिन राष्टï्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जीवा आयुर्वेद संस्थान को आयुर्वेद के प्रवर्तक के रूप में भी माना जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल महामहिम कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि जीवा आयुर्वेद चिकित्सा की दृष्टिï में बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने जीवा आयुर्वेद की बहुत तारीफ की तथा जीवा स्कूल के कार्य की भी प्रशंसा की। राज्यपाल के अनुसार जीवा पब्लिक स्कूल में पाठ्ïयक्रम के साथ-साथ संस्कृति पर भी विशेष ज़ोर दिया जाता है। आयुर्वेद के द्वारा भी जीवा संस्थान ने घर-घर तक जो आयुर्वेद को पहुँचाने का कार्य किया है वह भी बहुत प्रशंसनीय है।