फरीदाबाद। तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कालोनियों में बिजली बिलों की आड़ में की गई धांधली के विरोध में आज क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक ललित नागर पल्ला पुल स्थित बिजली विभाग कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए। इस दौरान उनके समर्थन में आए सैकड़ों पीडि़त लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन कर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में आए सैकड़ों पीडि़तों ने विधायक के समक्ष अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि वह 50 से 100 वर्ग गज के छोटे-छोटे मकानों में रहते है, लेकिन बिजली विभाग ने उनके मकानों पर लाखों के बिजली बिल भेज दिए है, जो उनके साथ अन्याय है। विधायक करीब 4 घण्टे धरने पर बैठे रहे और धरने की सूचना मिलते ही विभाग के कार्यालय से सभी अधिकारी व कर्मचारी गायब हो गए, जबकि कार्यालय के कमरा नंबर में 6 में बैठे एक कर्मचारी ने उपभोक्ताओं से तैश में आकर यह तक कह दिया कि बाहर जो टैंट लग रहा है, वहां जाकर अपने बिलों को ठीक करवाए। विधायक ललित नागर ने बताया कि 40 वर्ग गज में बने एक मकान का बिजली बिल 50 से 60 हजार, 50 वर्ग गज के दो कमरे के मकान का 80 हजार का बिल, 100 वर्ग गज मकान पर 1 लाख से डेढ लाख तक के बिल भेजे जा रहे है। हद तो तब हो गई, जब सरस्वती कालोनी में बने 100 वर्ग गज के मकान में रहने वाले व्यक्ति को 9 लाख 30 हजार 500 का बिल भेजा गया वहीं श्याम कालोनी निवासी एक घर पर 82 लाख का बिल भेजा गया है। इसी प्रकार चेतन कालोनी में रहने वाली एक बेसहारा विधवा जिसका मकान कुल 60 वर्ग गज का है, उसे 86 हजार रूपए का बिल भेजा गया वहीं चेतन कालोनी निवासी रामसिंह, जो दिल्ली में सरकारी चपरासी है, यहां उसने 50 वर्ग गज का मकान बना दिया है, जो खाली पड़ा है, उसका 1 लाख 37 हजार का बिल भेजा गया है। विधायक ने आरोप लगाया कि कालोनियों में विभाग के कर्मचारी रीडिंग लेने आते ही नहीं बल्कि दफ्तर में बैठकर रजिस्टर में रीडिंग चढ़ा लेते है, ऐसा एक सोची समझी साजिश के तहत किया जाता है क्योंकि जब लाखों रूपए के बिल ठीक कराने के लिए उपभोक्ता विभाग में आएंगे तो उनसे बिल ठीक करवाने के नाम पर एकाउंटेंट, जेई, एसडीओ व अन्य अधिकारी मोटी रिश्वत मांगते है और न देने पर उन्हें कई-कई तक कार्यालयों के चक्कर लगवाए जाते है। विधायक ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे पड़े है और रोजाना नए-नए तरीका निकाल जनता को परेशान कर अपनी जेबें भरने में लगे है, ये हाल तो तब है, जब उन्होंने इस भ्रष्टाचार के मुद्दे को हाल ही में सम्पन्न विधानसभा के बजट सत्र में जोरशोर से उठाया था, लेकिन विधानसभा भी अब मात्र शोपीस बनकर रह गया है और विधानसभा में क्षेत्र की आवाज उठाने वाले विपक्षी विधायकों की आवाज मात्र विधानसभा के कमरे में ही दफन कर दी जाती है। भाजपा के सबका साथ सबका विकास नारे पर कटाक्ष करते हुए विधायक ललित नागर ने कहा कि यह केवल अपने विकास तक ही सीमित है और भाजपा विधायकों में अपनी तिजौरियां भरने के लिए असंतोष जगजाहिर हो चुका है। उन्होंने सरकार व प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर यहां के लोगों को इस समस्या से जल्द निजात नहीं दिलाई गई तो वह लोगों की आवाज बनकर एक बड़े जनआंदोलन के रुप में उपायुक्त व एसई कार्यालय का घेराव करने को मजबूर होंगे। इस मौके पर शंकर नंबरदार, सुनील चेयरमैन, लाल मिश्रा, युद्धवीर झा, चेतन रैक्सवाल, देवेंद्र सिंह, रामभरोसे, रिजवान आजमी, मुसाफिर सिंह, मनोज नागर, मुकुट पाल, अनिल बैंसला, जोगेंद्र पायला, लाल बाबू, रामवरन मौर्या, बीके ओझा, कुंवर चौहान, अतुल श्रीवास्तव, राजेंद्र प्रजापति, राणा प्रधान, परमानंद सिंह, अशोक पंडित सहित अनेकों कालोनीवासी मौजूद थे।