फरीदाबाद। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर सेक्टर-17 स्थित तिगांव विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक ललित नागर के कार्यालय पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा में विधायक ललित नागर व सभी कांग्रेसजनों ने सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करते हुए उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए विधायक ललित नागर ने कहा कि महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक और सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया इसलिए उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। श्री नागर ने कहा कि सन् 1921 में श्री गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में 1930 में नमक सत्याग्रह और इसके बाद 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। विधायक ललित नागर ने कहा कि गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की और देश की आजादी में श्री गांधी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता इसलिए देश की जनता आज भी उन्हें बापू के नाम से याद करती है। श्री नागर ने उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि आज श्री गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर हम सभी को अहिंसा के साथ-साथ समाज में भाईचारा बनाने का संकल्प लेना चाहिए, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर छिद्दा नागर, शोभाराम भाटी, रिजवान आजमी, पप्पू सागर, उद्गार मिश्रा, व्यास चंद्र, युद्धवीर झा, मुकुटपाल चौधरी, कमल चंदीला, सुंदर नेताजी, भगवान दास, बाबूलाल रवि, कलुआ भगत, प्रताप सिंह नागर, किशन राजपूत, लेखराज सरपंच, उमेश भाटी, ऋषिपाल करहाना, श्रीभगवान सहित अनेकों कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।