फरीदाबाद। सेक्टर-16ए स्थित मैट्रो अस्पताल ने एक ईराकी मरीज के दो आटर्री में 100 प्रतिशत ब्लॉक को बिना बाईपास के नई एंजियोप्लासटी तकनीक से ब्लॉकेज खोलकर उसे नया जीवन प्रदान किया है। 65 वर्षीय ईराकी मरीज अली सैयद को जब मेट्रो अस्पताल लाया गया तो उनके हृदय की दो आटर्री में 100 प्रतिशत सीटीओ ब्लॉक थे। इस बीमारी का एकमात्र इलाज बाईपास सर्जरी ही होता है परंतु मरीज ने बाईपास सर्जरी कराने से मना कर दिया था। ऐसी कठिन व दो सीटीओ हार्ट ब्लाक जिसे क्रोनिक टोटल आकलूजन कहा जाता है, इन्हें सिर्फ एंटिगे्रट और रेट्रोग्रेड तकनीक से ही सफलतापूर्वक खोला जा सकता है। अस्पताल के निर्देशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल ने बतया कि हमने मरीज की सेहत व स्थिति का अच्छे से जायजा लिया और पाया कि ये एक बड़ा चुनौतीपूर्ण व मुश्किल केस है, जिसमें मरीज बाईपास सर्जरी भी नहीं कराना चाहता था। हमने मरीज की सभी रिपोर्ट व चैकअप करने के बाद दोनों आटर्री की एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया। दोनों खराब व सीटीओ ब्लॉक आटर्री को नई तकनीक के साथ खोला गया। दो क्रोनिक सीटीओ को एंजियोप्लास्टी द्वारा खोलना बेहद कठिन है। इसके दो मुख्य कारण है प्रथम दो सीटीओएस लेजन की एंजियोप्लास्टी करना बेहद कठिन व चुनौतीपूर्ण है। द्वितीय कारण दो सीटीओ करते समय यदि किसी कारण वश दूसरी आटर्री को कार्डियोलॉजिस्ट नहीं खोल पाते है तो मरीज का बाईपास का खतरा बढ़ जाता है। डा. बंसल ने बताया कि लगभग 60 प्रतिशत सीटीओ मरीज को बिना ईलाज के रहना पड़ता है क्योंकि वे अन्य कारणों की वजह जैसे अधिक उम्र व अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के चलते बाईपास सर्जरी नहीं हो साकती। अब नई व बेहतर एंजियोप्लास्टी तकनीक द्वारा 90 प्रतिशत मरीजों को बचाया जा सकता है। अब क्रोनिक टोटल आकलूजन (सीटीओ) से पीडि़त हृदय रोगी भी अब स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते है। इसे नई एंजियोप्लास्टी तकनीक में कूसेयर, क्रूसेड व सीटीओ वायर प्रयोग में लाई जाती है। डा. बंसल ने बताया कि इस तकनीक के द्वारा अब बाईपास से बचा जा सकता है तथा मरीज जल्द से स्वस्थ होकर अपने घर जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेट्रो अस्पताल का उद्देश्य लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाना है और अस्पताल अपने इसी उद्देश्य की पूर्ति करते हुए आधुनिक तकनीक के जरिए लोगों को गुणवत्तायुक्त बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है।
![मेट्रो अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना बाईपास सर्जरी कर बचाई ईराकी मरीज की जान](https://standardnews.in/wp-content/uploads/2016/12/Dr.-Basnal-Pics.jpg)