फरीदाबाद। हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन फरीदाबाद जिले के एकमात्र कांग्रेसी विधायक ललित नागर ने जहां तिगांव विधानसभा क्षेत्र के प्रति सरकार द्वारा बरते जा रहे भेदभावपूर्ण रवैये पर सदन मेें अपने हाथों में कागज लहराते हुए मनोहर लाल कैबिनेट पर जमकर गरजे। वहीं पिछले 60 दिनों से आईएमटी के समक्ष धरने पर बैठे किसान, रेलवे कोरिडोर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के मुआवजे, तिगांव क्षेत्र के 19 गांवों के किसानों का तीन वर्ष पूर्व हाईकोर्ट द्वारा बढ़ा हुआ मुआवजा घोषित होने के बावजूद न मिलने, अरावली के प्रतिबंधित क्षेत्र में नगर निगम द्वारा नियमों को ताक पर रखकर प्रोविजनल सीएलयू देने, ग्रेटर फरीदाबाद के समुचित विकास के लिए ग्रेटर फरीदाबाद अथॉरिटी बनाए जाने जैसे कई अह्म मुद्दे जोरशोर से उठाकर सरकार को जमकर घेरा। इस दौरान सदन में मौजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दो बार अपनी सीट से खड़े होकर ललित नागर के प्रश्रों का जवाब देना पड़ा। मुख्यमंत्री ने निगम द्वारा दिए गए सीएलयू के मुद्दे पर कहा कि यह सीएलयू तीन महीने के लिए टेपरेरी तौर पर दिए गए है, आगे इन्हें खत्म दिया जाएगा, जिस पर ललित नागर ने कहा कि जहां सीएलयू दिए गए है, वहां चारदिवारी बनाकर भवन निर्माण करवाए जा रहे है, ऐसे में आगे इन्हें कैसे खत्म किया जाएगा? इसलिए इन्हें तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। सदन में लगभग 25 मिनट तक विधायक ललित नागर ने बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पूछा कि आपने विधानसभा में यह घोषणा की थी कि सबका साथ-सबका विकास के तहत सभी विधायकों को विकास के लिए प्रति वर्ष 5-5 करोड़ की ग्रांट दी जाएगी परंतु चार वर्ष बीतने के बाद भी 20 करोड़ तो दूर उन्हें एक लाख रूपए की भी ग्रांट नहीं मिली है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री पूरी तरह से चुप्पी साध गए। उनकी चुप्पी पर ललित नागर का कहना था कि इससे साबित होता है कि सरकार की नीति और नीयत में कितना अंतर है। ललित नागर ने कहा कि सरकार के आंकड़ों के अनुसार फरीदाबाद स्मार्ट सिटी के लिए 2342 करोड़ रुपए भेजे जा चुके है, वह सदन के माध्यम से यह पूछना चाहते है कि यह पैसा किस मद में कहां-कहां लगा है क्योंकि शहर के हालात बद से बदत्तर है और भाजपाईयों की स्मार्ट सिटी केवल कागजों तक ही सीमित है वहीं उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में दर्जनों कालोनियां आती है, जहां विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ और उन्होंने कई विधानसभा सत्रों में इसकी आवाज भी उठाई है और मुख्यमंत्री ने उन्हें कालोनियों में विकास करवाने का आश्वासन भी दिया था परंतु आज तक वहां लोग विकास की बाट जोह रहे है। विधायक ललित नागर ने कहा कि सरकार ने महाग्राम योजना के तहत 10 हजार की आबादी वाले गांव में सीवरेज व्यवस्था कराने की योजना बनाई थी और चौरासी का सबसे बड़ा गांव तिगांव जिनकी आबादी 30 हजार के ऊपर है, वहां आज तक सीवरेज व्यवस्था नहीं डाली गई। वह सरकार से पूछना चाहते है कि तिगांव व खेड़ीकलां इस योजना के दायरे में कब आएगा? वहीं उन्होंने सेहतपुर, अगवानपुर में बिजली सब स्टेशन व 50 बैड का अस्पताल बनाए जाने की भी मांग पुरजोर तरीके से उठाई। वहीं उन्होंने तिगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले 17 गांवों को दयालपुर में जोड़े जाने पर आपत्ति जताते हुए उन्हें दोबारा तिगांव तहसील में जोडऩे की मांग की। वहीं उन्होंने तिगांव क्षेत्र के कई सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करने की भी मांग उठाई। वहीं उन्होंने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि वर्ष 2012 में राजा जैतसिंह के नाम से गांव नीमका के लोगों ने पंचायत की साढे 18 एकड़ जमीन पॉलीटेक्रिक कालेज के लिए दी थी, जो अब बनकर तैयार हो गया है परंतु अब सरकार द्वारा वहां एनएसआईसी का काम शुरू कर दिया है, जिससे गांव के लोगों में रोष व्याप्त है। लोगों का आरोप है कि पंचायत की जमीन पॉलीटैक्निक कालेज के नाम पर ली गई थी परंतु अब भाजपा सरकार इसका उपयोग किसी दूसरे कार्य के लिए कर रही है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सदन में सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार के साढे तीन वर्ष के कार्यकाल में केवल कागजों में विकास हुआ है, जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ है, जिससे लोगों का सरकार से मोहभंग होने लगा है। सदन में मौजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल व सभी मंत्रियों ने विधायक ललित नागर को विश्वास दिलाया कि उन्होंने जो मांगे सदन में रखी है, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और सभी समस्याओं का समाधान करवाया जाएगा।