फरीदाबाद। पृथला विधानसभा क्षेत्र के विकास पुरूष की संज्ञा किसे दी जाए यह प्रश्र अभी तक विचारधीन बना हुआ हैं। प्रश्र विचारधीन होना भी चाहिए क्योकि इस क्षेत्र के विकास में अपनी अहम भूमिका का दावा करने वाले विधायक टेकचंद शर्मा एंव पूर्व भाजपा प्रत्याशी नयनपाल रावत सार्वजनिक मंच पर अपनी भूमिका को सर्वक्षेष्ठ बता रहे हैं। बकायदा नयनपाल रावत इस सर्र्दभ में अखबारों के माध्यम से अपना पक्ष रखते आए हैं। वही विधायक टेकचंद शर्मा का कहना है कि क्षेत्र के विकास में कोई भी नवीन कार्य विधायक के सज्ञांन के बिना हो ही नही सकता क्योकि किसी भी परियोजना या प्रस्ताव के पारित करवाने में एक विधायक विधानसभा में अपना मत रखता है तब जाकर क्षेत्र के विकास के लिए ग्रंाट की मजंूरी दी जाती हैं। विदित हो कि भाजपा प्रत्याशी नयनपाल रावत और बसपा से विधायक बने टेकचंद शर्मा ने पृथला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडा था जिसमें भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर होने के बावजूद भी नयनपाल रावत वहा से वर्तमान विधायक टेकचंद शर्मा से पराजित हो गए थे। उसके बाद विधायक टेकचंद शर्मा ने अपना समर्थन प्रदेश भाजपा सरकार को दे दिया था और मुख्यमंत्री खट्टर ने भी अपना आर्शीवाद उन्हे दे दिया। हारने के बाद विधायक और नयनपाल रावत के मध्य इस क्षेत्र की जनता के समक्ष अपनी अहम भूमिका को लेकर दोनो के बीच एक शीत युद्ध आरंभ हो गया क्योकि आगामी विधानसभा चुनावों में दोनो पक्ष यही से चुनाव का बिगुल बजायेगे । ऐसे में दोनो के लिए यह जरूरी है कि जनता का समर्थन उन्हे ही मिले क्योकि अगर बात की जाए इस क्षेत्र के विकास कार्यो में अहम भूमिका की तो अभी कुछ कहना शायद जल्दबाजी होगी । जब विधायक टेकचंद शर्मा और भाजपा नेता नयनपाल रावत अपना पक्ष को मजबूत बता रहे है तो इसका निर्णय आगामी चुनाव में देखने को मिल जायेगा बेशक फिर कोई कितने दावे कर ले। अभी हालफिलहाल में प्रकाशित एक खबर में पूर्व भाजपा प्रत्याशी नयनपाल रावत ने पृथला विधानसभा क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरवीर सिंह के सहयोग से क्षेत्र के करीब एक दर्जन मुख्य सडकों के लिए लगभग 4 करोड 50 लाख रूपये की राशि स्वीकृत करने की बात कही थी। उनका दावा था कि इस क्षेत्र के विकास के लिए वह समयानुसार अपने स्तर पर कुछ ना कुछ करते आ रहे है। विकास को लेकर पूर्व में भी नयनपाल रावत ने खबर के माध्यम से अपने दावों की पुष्ठि की थी। जबकि विधायक टेकचंद शर्मा से दूरभाष के माध्यम से इस दावे के बाबत जानकारी मांगी गई तो उन्होने पूर्व भाजपा प्रत्याशी नयनपाल रावत के दावों को एक सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना था कि क्षेत्र के विकास में केवल विधायक की सर्वाधिक भूमिका रहती है और विकास की राशि के मंजूरी में विधायक की सहमति को भी शामिल किया जाता हैं। विधायक ने बताया कि विधानसभा के चहुमुखी विकास के लिए उन्होने विधानसभा में भी काफी बार विभिन्न मुद्दो को उठाया हैं और अगर बात की जाए इस क्षेत्र के मुख्य सडकों के विकास के लिए अनुदान राशि की तो उन्होने इस मुद्दे को प्राथमिकता से विधानसभा के समक्ष लाकर पूर्व में इस बजट को पारित करवा लिया था। उन्होने यह भी बताया कि नयनपाल रावत जानबूझ कर अपनी राजनीतिक मंशा के तहत क्षेत्र की जनता को गुमराह कर नकली खबर के माध्यम से उन्हे भ्रमित कर रहे है जबकि यह तयशुदा है कि हरियाणा प्रदेश में जितने भी लोग विधानसभा चुनाव हार गए है वह कभी भी क्षेत्र के विकास के लिए उस क्षेत्र के विधायक की बगैर जानकारी के कोई बजट लेकर ही नही आ सकते। उनका यह भी कहना था कि जब विभिन्न मुख्य सडकों का उद्घाटन किया जाएगा तो जनता के समक्ष सच्चाई सामने आ जायेगी कि कौन जनता को गुमराह कर रहा हैं। साथ ही जब इस विषय पर पुन: भाजपा प्रत्याशी नयनपाल रावत से भी दूरभाष से वार्ता की गई तो उन्होने कहा कि विधायक अपने ज्ञान में वृद्धि करे क्योकि अभी तक मुख्य सडकों के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरवीर सिंह के सहयोग से उनके द्वारा पृथला विधानसभा क्षेत्र के करीब एक दर्जन मुख्य सडकों के लिए लगभग 4 करोड 50 लाख रूपये की जो राशि स्वीकृत की गई है अभी तक उनके ठेके भी नही छोडे गए है तो सडके बनने की तो दूर की बात हैं।