फरीदाबाद /-सतयुग दर्शन विद्यालय में दशहरे के पर्व को बड़े हर्षोउल्लास एवं सूझ-बूझ के साथ मनाया गया । यद्धपि रावण की अत्यन्त अच्छाइयों के बावजूद मात्र कुछ बुराईओं एवं अहंकार के कारण उसके पुतले को पुरे देश भर में नकारात्मकता का प्रतीक बना कर सबके सामने जलाया जाता है, जो कि सभी व्यक्तियों के लिए अधर्म पर धर्म की विजय और बुराई पर अच्छाई का प्रतिक बन सबके लिए मिसाल बन जाता है ।आज सतयुग दर्शन विद्यालय में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने मिलकर आत्मनिरीक्षण करते हुए अपने अंदर विधमान रावण रूपी नकारत्मकता को अर्थात अपनी छोटी-छोटी कमियों को पहचान उसे एक चिट पर लिखकर अग्नि में स्वाह किया और उसे भविष्य में दोबारा न दोहराने का प्रण लेते हुए इस क्रिया से सीख लेते हुए सुख में बने रहने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।