फरीदाबाद। वार्ड-17 से बीजेपी की निगम चुनाव की टिकट बेशक विधायिका सीमा त्रिखा के बेहद करीबी कहे जाने वाले ओमप्रकाश गौड पाने में कामायाब हो चुके है परन्तु जीत के लिए उन्हे काफी सघर्ष करना पड सकता हैं। क्योकि जिन लोगो ने टिकट पाने के लिए आवेदन किया है अब रणनीति के तहत अपना विरोध दर्ज करवायेगे। सीधे तौर पर इस वार्ड से पूर्व पार्षद विकास भारद्वाज से ओमप्रकाश गौड की टक्कर देखी जा सकती है। काफी समय से वार्डबंदी से पूर्व विकास भारद्वाज और उनके परिवार का ही यहा जीत का दबदबा रहा हैं परन्तु इस बार जिस तरह से ओमप्रकाश गौड उनसे बीजेपी की टिकट छीन कर ले आए वो अपने आप में एक चुनौती से कमंतर नही आंकी जा सकती। इस बार वार्डबंदी में वार्ड-17 में अधिकतम उत्तराखंड के लोगो को इसमें समेट दिया गया हैं और ओमप्रकाश गौड की पृष्ठभूमि भी इसी क्षेत्र से जुडी हुई है,जिसका सीधे तौर पर फायदा गौड से ही जोड कर देखा जा रहा हैं। पर अगर बात की जाए विकास भारद्वाज की तो उने समर्थकों की भी कमी नही है क्योकि काफी समय से वह एसजीएम नगर में पूर्व पार्षद चुनाव में बढत बनाए हुए थे। अगर चुनाव की समीक्षा की जाए तो इसमें कोइ दो राय नही है इस बार यह चुनाव उत्तराखंड के लोगो के समर्थन पर निर्भर करेगा क्योकि इस वार्ड में लगभग 4500 से लेकर 5500 तक उत्तराखंड के वोटर होने की बात की जा रही है अब जब अधिकतम सख्या इसी राज्य के लोगो की बताई जा रही है तो अंतिम निर्णय भी इसी समाज का होगा। उनके द्वारा तय किया जायेगा कि इस बार वार्ड-17 से कौन आगामी पार्षद बन जनसेवा करेगा। इस समीक्षा के एक अन्य पहलु पर भी गौर किया जाना चाहिए जिसमें समाजिक तौर पर यह माना जाता रहा है कि कोई भी समाज 100 प्रतिशत किसी एक का समर्थन नही करता क्योकि व्यक्ति मतभेद और द्वितीय परिस्थितीया उन्हे अन्य रूझान की और मोड सकता है,जिसका फायदा परिस्थिती को भापने वाले उम्मीदवार को मिल सकता हैं। अब देखना है कि निगम चुनाव में जीत के लिए ओमप्रकाश गौड क्या अपने समाज को साध पायेगे या फिर विकास भारद्वाज इस समाज में सेंध लगाने में कामायब हो जायेगे।